मधुमेह के लिए योगासन : मधुमेह रोगियों के लिए शुगर को नियंत्रित करने के लिए ये योगासन है लाभकारी

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मधुमेह के लिए योगासन | डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। विशेष रूप से, भारत में दुनिया में मधुमेह के रोगियों की संख्या सबसे अधिक है। इसी वजह से भारत को मधुमेह की राजधानी भी कहा जाता है। यह रोग शरीर में शर्करा की मात्रा में वृद्धि के कारण होता है और अग्न्याशय से इंसुलिन हार्मोन का स्राव नहीं होता है। इस रोग से पीड़ित लोगों को चीनी और चीनी से बने उत्पाद खाने की मनाही होती है। (मधुमेह के लिए योगासन)

सीधे शब्दों में कहें तो मधुमेह रोगियों को मीठे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। इसके साथ ही संतुलित आहार, नियमित दवा और रोजाना योग और व्यायाम जरूरी है। कई योग मुद्राएं हैं, जो मधुमेह में फायदेमंद हैं। इनमें बंध कोणासन और वरिपत करणी मधुमेह के एकमात्र उपाय हैं।

अगर आप भी डायबिटीज के मरीज हैं और अपने शुगर को कंट्रोल करना चाहते हैं तो इन 2 योगों को रोजाना जरूर करें। इन योगों को करने से शुगर कंट्रोल में रहता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-

1.बंध कोणासन

मधुमेह के रोगियों के लिए भी बंध कोणासन फायदेमंद होता है। इस योग को करने से शुगर को कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है। इस आसन को अंग्रेजी में बाउंड एंगल पोज कहते हैं। इस आसन को करने से शरीर के निचले हिस्से में खिंचाव आता है। यह शुगर को भी कंट्रोल में रखता है। (मधुमेह के लिए योगासन)

बंध कोणासन कैसे करें

इसके लिए सबसे पहले तितली मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपने पैरों को आगे की ओर ले आएं। इस बीच पैरों के तलवों को फर्श पर रखें। इसके बाद दोनों हाथों से पंजों को पकड़ लें। कुछ देर इसी मुद्रा में रहें। फिर पहले चरण पर आएं। इस योग को कम से कम 10 बार करें।

2. उलट मुद्रा

यह योग दीवार के सहारे उल्टा खड़े होकर किया जाता है। इसी कारण इसे विपरीत करणी आसन कहा जाता है।
इस योग को करने के कई फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा है स्ट्रेस रिलीज, यानी तनाव कम होता है।
साथ ही मेटाबॉलिज्म भी तेज होता है। इससे हार्मोंस संतुलित रहता है। इसलिए विपरीत करणी आसन मधुमेह रोगियों के लिए रामबाण है।

विपरीत करणी आसन कैसे करें?

इसके लिए सबसे पहले जमीन के आधार पर दीवार के सहारे पेट के बल सोएं।
अब अपने दोनों पैरों को दीवार पर रखें। श्वास लें और छोड़ें। साथ ही हाथों को पास रखें।
कुछ देर ऐसा करने के बाद वापस पहली पोजीशन में आ जाएं। यह योग प्रतिदिन करें।
एक बात याद रखनी है कि शारीरिक शक्ति का दमन न करें।

 

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