मधुमेह रोगियों के लिए इंसुलिन से कम नहीं ये घरेलु चीजें
देश और दुनिया में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। भारत को मधुमेह की राजधानी कहा जाता है। कोविड-19 संक्रमण के बाद इस बीमारी के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। मधुमेह खराब खान-पान, खराब जीवनशैली, मोटापा और तनाव के कारण होने वाली बीमारी है। इस बीमारी पर काबू पाना बेहद जरूरी है। मधुमेह में, अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है या इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। अपर्याप्त इंसुलिन के कारण रक्त शर्करा का स्तर तेजी से बढ़ता है।
दवाओं के अलावा कुछ जड़ी-बूटियां मधुमेह को नियंत्रित करने में काफी कारगर होती हैं। भारत में मधुमेह रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीक्षा भावसार ने इंस्टाग्राम पर कुछ खास जड़ी-बूटियों और मसालों का जिक्र किया है।लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। हमारे देश में कई पारंपरिक जड़ी-बूटियां और मसाले हैं जो शरीर के लिए इंसुलिन से कम नहीं हैं।
इनके सेवन से सर्दी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों से छुटकारा मिलता है और साथ ही मधुमेह को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है। जानें कि कौन से मसाले और जड़ी-बूटियां शुगर को नियंत्रित करती हैं
1. हल्दी खाएं:
कड़वा, मीठा स्वाद में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, साथ ही सर्दी और खांसी को भी ठीक करता है।
इसके सेवन से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। यह लीवर की समस्याओं को रोकने में भी कारगर है।
2. आंवला और हल्दी:
मधुमेह रोगियों के लिए आंवला और हल्दी दोनों ही फायदेमंद होते हैं।
मधुमेह रोगियों को आंवला और हल्दी बराबर मात्रा में मिलाकर खिलाएं, ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।
4. त्रिफला, मंजिष्ठा और गोखशूर खाएं:
विशेषज्ञों के अनुसार त्रिफला, मंजिष्ठा और गोक्षुर अद्भुत औषधीय पौधे हैं जो लीवर और किडनी को डिटॉक्सीफाई करते हैं।
इनका सेवन मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता है। त्रिकुट: अदरक, काली मिर्च और काली मिर्च मधुमेह विरोधी मसाले हैं। ये मसाले मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते हैं।
5. नीम और गुडमार बेड़की के पत्ते:
6. अश्वगंधा :
यह एक जड़ी बूटी है जो तनाव, थकान को दूर करती है और प्रतिरक्षा में सुधार करती है। इसके सेवन से शुगर कंट्रोल में रहता है