दिल के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकती है गर्मी, याद रखें ये 5 बातें…
तेज धूप और गर्म हवाएं सभी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। जो लोग अधिक उम्र के हैं या जिन्हें पहले से ही दिल के मरीज हैं, उनके लिए यह मौसम अधिक तनावपूर्ण (Heart Health Tips) हो जाता है। आइए जानें हृदय को स्वस्थ कैसे रखें।
देश के कई हिस्सों में तेजी से बढ़ते तापमान और गर्मी के चलते लोगों के पसीने छूट रहे हैं. भीषण गर्मी और गर्मी के इस मौसम में हीटस्ट्रोक और गर्मी का उत्सर्जन होता है, जो लोगों को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है।
लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए दिल की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की जरूरत है। वृद्ध लोगों, विशेष रूप से जो उच्च रक्तचाप, मोटापे या हृदय रोग से जूझ रहे हैं, या जिन्हें पहले स्ट्रोक हो चुका है, उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है
गर्मी के मौसम में इन 5 बातों का रखें ध्यान
1) धूप में बाहर न जाएं:
बेहतर होगा कि दिन के 12 से 3 बजे तक घर से बाहर न निकलें। क्योंकि इस समय धूप बहुत तेज होती है। इससे आपके दिल की समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
दो) गर्मी के अनुसार पोशाक:
हल्के रंग का सूती कपड़ा गर्मी के लिए बेहतर होता है। टोपी और चश्मा पहनें। बाहर जाने से पहले कम से कम 15 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाएं। अगर आप बाहर हैं तो हर दो घंटे में सनस्क्रीन लगाएं।
3) ज्यादा पानी पियो:
शरीर को हाइड्रेट रखें। हर बार पानी पिएं। बाहर जाने से पहले और बाद में या व्यायाम के बाद पानी पिएं। कैफीनयुक्त या शराब का सेवन न करें।
4) एक ब्रेक ले लो:
किसी छायादार या ठंडी जगह पर जाएं, कुछ मिनट रुकें, पानी पिएं और फिर काम पर लग जाएं।
5) डॉक्टर की सलाह का पालन करें:
डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
गर्मी की थकावट के लक्षण:
– सिर दर्द
– पसीने में नहाना
– त्वचा ठंडी और नम होती है।
– चक्कर आना या बेहोशी
– नाड़ी को कमजोर करना या बांधना।
– मांसपेशियों की जकड़न
– सांस लेने में दिक्क्त
– मतली, उल्टी या दोनों।
यदि आप ऐसे लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो ठंडी जगह पर जाएँ, यदि आप व्यायाम कर रहे हैं, तो रुकें और अपने ऊपर पानी डालें और पानी पीकर अपने शरीर को तुरंत ठंडा करने का प्रयास करें। आप चिकित्सा सहायता भी ले सकते हैं।
हीटस्ट्रोक के लक्षण:
– गर्म और शुष्क त्वचा, जिसमें पसीना नहीं आता
– नाड़ी बांधना
– बेहोशी या भ्रम
– बहुत गर्मी हो रही है
– भयंकर सरदर्द
– मिचली आना, उल्टी या दोनों महसूस होना।
यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। हीट स्ट्रोक और स्ट्रोक दो अलग-अलग चीजें हैं। स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त वाहिका फट जाती है या थक्के बन जाते हैं, जिससे मस्तिष्क में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है।
(अस्वीकरण : हम इस लेख में निर्धारित किसी भी कानून, प्रक्रिया और दावों का समर्थन नहीं करते हैं।
उन्हें केवल सलाह के रूप में लिया जाना चाहिए। ऐसे किसी भी उपचार/दवा/आहार को लागू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।)
👉 Important Link 👈 |
👉 Join Our Telegram Channel 👈 |
👉 Sarkari Yojana 👈 |