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बच्चों का पालन-पोषण अगर बच्चा बहुत जिद्दी है, तो माता-पिता को अनुशासन के लिए आना चाहिए

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बच्चों का पालन-पोषण हर माता-पिता अपने बच्चे को अच्छी परवरिश देना चाहते हैं। वे अच्छी परवरिश के साथ अपने बच्चों की हर इच्छा पूरी करना चाहते हैं। लेकिन अतिभोग बच्चों को जिद्दी बना देता है। लॉकडाउन के बाद से बच्चों के मिजाज में इजाफा हुआ है। कोरोना: कुछ समय बाद अधिकांश माता-पिता सुनते हैं कि उनका बच्चा बिल्कुल नहीं सुन रहा है बच्चों का जिद्दी होना सामान्य बात है, लेकिन अगर आपका बच्चा बहुत ज्यादा जिद्दी है तो उसे समय रहते अनुशासित करने की जरूरत है। नहीं तो बच्चे की जिद उनके भविष्य के लिए हानिकारक हो सकती है। ऐसे में अगर आपका बच्चा भी जिद्दी है और किसी की नहीं सुनता है तो उसे सरल तरीके से अनुशासन का पाठ पढ़ाएं

बच्चे के मन को समझें:

अक्सर बच्चे मां-बाप या किसी और का अटेंशन पाने के लिए हर छोटी-बड़ी बात पर जोर देते हैं। उन्हें लगता है कि आप उन पर ध्यान देंगे। इसलिए सबसे जरूरी है कि बच्चे के स्वभाव को देखें और उसके मन को समझने की कोशिश करें। बात करने से पहले यह समझने की कोशिश करें कि उन्हें क्या चाहिए

जिद्दी बच्चे को अनुशासन दें:

बच्चे को सही और गलत में फर्क समझाएं। माता-पिता अक्सर गुस्सा हो जाते हैं और अपने बच्चे की बात को लेकर चुप रहते हैं, लेकिन वे अपने हठ का कारण नहीं बताते हैं। इससे बच्चा असंतुष्ट हो जाता है और किसी बात पर जोर देता है। फिर उन्हें सही और गलत में फर्क बताएं। उन्हें प्यार से समझाएं कि उनकी जिद गलत क्यों है। ताकि वह दोबारा उस पर जोर न दें।

माता-पिता अक्सर अपने बच्चों की गलतियों पर क्रोधित होते हैं और उनकी कसम भी खाते हैं।
यह बच्चे को गुस्सा या चिड़चिड़े भी बनाता है। इस वजह से वह जोर देकर कहते हैं कि उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं।
इसलिए हर बात पर उनसे नाराज न हों। बच्चे को पहले बोलने का मौका दें। उनकी बात को समझें और उसी के अनुसार शांति से उनका जवाब दें।
बच्चा उसे कोसने और समझाने के बजाय आसानी से समझ सकता है कि प्यार से क्या समझाया जा रहा है।

बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ाएं:

माता-पिता जब व्यस्त होते हैं तो अक्सर बच्चे की कई बातों को नजरअंदाज कर देते हैं।
इससे बच्चा मां-बाप के सामने अपनी बात साबित करने की जिद करता है।
वह सोचता है कि अगर वह उनकी बात नहीं सुनेगा तो उसके माता-पिता उसकी नहीं सुनेंगे।
ऐसे में उनकी बात सुनें और उन्हें गंभीरता से लें।

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