बच्चों को बीमार कर सकती है ठंड, ये घरेलू नुस्खे रखेंगे उन्हें स्वस्थ

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उत्तर भारत समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में ठंड धीरे-धीरे कम हो रही है। जलवायु परिवर्तन के दौरान बच्चों के स्वास्थ्य पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। बच्चों में सामान्य सर्दी खांसी जैसे वायरल हो सकता है। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि बच्चे बिना तैयारी के घर से बाहर निकलते हैं और इस दौरान मौसम और उनके शरीर का तापमान बदलता रहता है. तापमान के कारण बच्चे कम समय में वायरल का शिकार हो जाते हैं। इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप बदलते मौसम में अपने बच्चे को सर्दी-खांसी से बचा सकती हैं।

अदरक का रस

पेट, छाती और गले की समस्याओं को दूर करने के लिए अदरक के रस का सेवन करना चाहिए। अदरक के जूस में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पिंच से राहत दिलाते हैं। इसका स्वाद थोड़ा खराब होता है इसलिए इसे शहद में मिलाकर बच्चे को पिलाएं। इस तरीके को दिन में तीन बार अपनाएं और फर्क देखें।

जायफल रेसिपी

जैसे ही ठंड छाती में बैठ जाती है, खांसी बच्चे को परेशान करती है और इसके इलाज के लिए जायफल के नुस्खे आजमाए जा सकते हैं। जायफल का गर्म प्रभाव होता है और इसका उपयोग पुरानी समस्याओं के उपचार में किया जाता है। जायफल को सरसों के तेल में गर्म करके बच्चे की छाती और पैरों के तलुवों पर लगाएं। ध्यान रहे कि यह नुस्खा रात के समय ही अपनाना है।

हल्दी वाला दूध

बदलते मौसम की वजह से अगर बच्चे को सर्दी हो गई है तो हल्दी वाला दूध पिएं। हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं इसलिए इससे बने दूध का रोजाना सेवन करना चाहिए। हल्दी मसाले से दूषित होने का खतरा हो तो कच्ची हल्दी वाला दूध बनाकर बच्चे को पिलाएं। सर्दी से निजात पाने के लिए लहसुन और सरसों के तेल की मालिश भी एक बेहतरीन उपाय है।

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