समर देसी ड्रिंक्स : बस ये दो देसी ड्रिंक पिएं और शरीर को भी रखें कूल और हेल्दी
समर देसी ड्रिंक्स ; गर्मी की शुरुआत के साथ ही लोग अपने शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन करने लगते हैं। और अगर आप गर्मी से राहत पाने के लिए कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम पी रहे हैं तो ये सर्दी-जुकाम के साथ-साथ मोटापे के भी कारण हो सकते हैं। आज हम कुछ ऐसे पेय विकल्पों के बारे में जानने जा रहे हैं जिन्हें आप घर पर ही बना सकते हैं और ये किसी भी तरह से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होते (Summer Desi ड्रिंक्स)।
1. बेल सरबत (Stone Apple Juice)
गर्मी के मौसम में मिलने वाला फल बेल है। इसके सेवन से कई बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। बेल में एंटी-फंगल और एंटी-पैरासिटिक गुण होते हैं। यह फल आयरन, कैल्शियम, गुड फैट, फाइबर, बीटा कैरोटीन, थायमिन, राइबोफ्लेविन और प्रोटीन (आयरन, कैल्शियम, गुड फैट, फाइबर, बीटा कैरोटीन, थायमिन, राइबोफ्लेविन और प्रोटीन) जैसे कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
ग्रीष्मकालीन देसी पेय के लाभ
– बेल का शरबत पीने से पाचन क्रिया सुचारू रहती है। कब्ज, गैस, अपच का कारण नहीं बनता है।
– बेल सिरप रक्त को शुद्ध करने का भी काम करता है।
– यह सिरप उचित कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।
– हीट स्ट्रोक से बचाता है।
– सबसे अच्छी बात यह है कि यह शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है।
2. लिंबू शिकंजी (Lemon Shikanji)
विटामिन सी से भरपूर नींबू न सिर्फ शरीर को ठंडक पहुंचाता है बल्कि गर्मी से भी बचाता है। विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है, जो संक्रामक रोगों को दूर रखने में मदद करता है। नींबू त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। यह एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है। नींबू के सेवन से मतली और एसिडिटी जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है। यह शरीर को फ्री रेडिकल्स से भी बचाता है। (ग्रीष्मकालीन देसी पेय)
इसके फायदे
– नींबू शिकंजी पेट को ज़्यादा गरम होने से बचाता है। इसके नियमित सेवन से लू लगने की संभावना कम हो जाती है।
– यह पेय उचित पाचन में भी मदद करता है।
– इसे पीने से डिहाइड्रेशन नहीं होता है।
– यह हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को दूर करने में मदद करता है।
– नींबू के रस से सांसों की दुर्गंध नहीं आती है।
– यह मसूड़ों को स्वस्थ रखने में भी काफी कारगर है।
(अस्वीकरण : हम इस लेख में निर्धारित किसी भी कानून, प्रक्रिया और दावों का समर्थन नहीं करते हैं। उन्हें केवल सलाह के रूप में लिया जाना चाहिए।
ऐसे किसी भी उपचार/दवा/आहार को लागू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।)