गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस के लिए टिप्स, गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस के कारण
आरोग्यनाम ऑनलाइन टीम – गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उनमें से एक है मॉर्निंग सिकनेस (प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस के लिए टिप्स)। जी हां, गर्भावस्था के दौरान बार-बार जी मिचलाना या उल्टी होना (Pregnancy Care Tips) को Morning Sickness (Pregnancy के दौरान मॉर्निंग सिकनेस के लिए Tips) कहा जाता है।
ज्यादातर लक्षण गर्भावस्था के तीसरे और चौथे महीने में दिखाई देते हैं। गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं और मॉर्निंग सिकनेस उन बदलावों का एक कारण है। आइए देखें कि इस बीमारी से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है (प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस के लिए टिप्स)।
तेलकट खाऊ नका (Don’t Eat Oily) :
गर्भावस्था के दौरान मन बेचैन रहता है। तली हुई चीजों से दूर रहें। पूरे दिन स्वस्थ आहार लेने की कोशिश करें। तैलीय चीजें खाने से आपके पेट में गैस बन सकती है और फिर मॉर्निंग सिकनेस की समस्या शुरू हो जाती है।
थोडे थोडे खा (Eat Little By Little) :
गर्भावस्था के दौरान बार-बार उल्टी होना आम है (गर्भावस्था के दौरान मॉर्निंग सिकनेस और जी मचलना)। ऐसे में अपने खान-पान का खास ख्याल रखें। एक बार में बहुत ज्यादा खाने की बजाय कम खाएं। इसके लिए सबसे पहले आपको अपनी डेली डाइट में कुछ बदलाव करने होंगे। जैसे सुबह उठकर कुछ फल और कुछ देर नाश्ता करना।
सुगंधित चीजों से रहें दूर:
गर्भवती महिलाओं को इन दिनों परफ्यूम और रूम फ्रेशनर जैसी तेज महक वाली चीजों से उल्टी या जी मिचलाना शुरू हो जाता है। इसलिए इनका इस्तेमाल न करें। घनी गंध से रोग और भी बढ़ जाता है।
तरल पिएं:
गर्भावस्था के दौरान अपने शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए आपको कम से कम एक बार पानी जरूर पीना चाहिए। हाइड्रेटेड रहने के लिए आप जूस या शेक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
जैविक चाय लें:
अलग-अलग ऑर्गेनिक चाय में अलग-अलग मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। यह गर्भवती महिला को कई तरह की बीमारियों से बचाता है।
इलायची खाएं:
मॉर्निंग सिकनेस में उल्टी जैसा महसूस हो तो एक या दो हरी इलायची मुंह में लें।
(अस्वीकरण : हम इस लेख में निर्धारित किसी भी कानून, प्रक्रिया और दावों का समर्थन नहीं करते हैं।
उन्हें केवल सलाह के रूप में लिया जाना चाहिए। ऐसे किसी भी उपचार/दवा/आहार को लागू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।)