भयानक बीमारियों का काल है यह पौधा,कहीं दिख जाए तो सबसे पहले घर ले आना
कढ़ी पत्ता में कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इस पौधा को मीठी नीम के नाम से भी जाना जाता है। इसका प्रयोग ज्यादातर दक्षिणी भारत में किया जाता था लेकिन आजकल यह हर रसोई घर में मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है। मीठी नीम का प्रयोग भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। करी पत्ता अक्सर कढ़ी में डलता है। इसके खाने में जायका बढ़ जाता है। अधिकतर महाराष्ट्रीयन घरों में इसका पेड़ मिल जाएगा। यह खुशबूदार पत्ता होता है। इसको खाने से बाल काले और मजबूत रहते हैं। इसके पत्ते कुछ-कुछ नीम की तरह होते है। लोग वजन घटाना चाहते हैं, उन्हें भी करी पत्ता डाइट में शामिल करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, करी पत्ते में मौजूद पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
ब्लड-शुगर को कंट्रोल करने में मददगार है. करी पत्ते में मौजूद फाइबर इन्सुलिन को प्रभावित करके ब्लड-शुगर लेवल को कम करता है।
करी पत्ते के एंटी ऑक्सिडेंट, एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण इसे त्वचा के लिए गुणकारी बनाते हैं। त्वचा में इंफेक्शन हो जाए तो उसे दूर करने में भी करी पत्ता में बहुत फायदेमंद होता है।
करी पत्ते में आयरन और फॉलिक एसिड की पर्याप्त मात्रा होती है। यह एनीमिया के खतरे को कम करने में मददगार है। इसमें मौजूद विटामिन ए और सी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
करी पत्ता की तासीर ठंडी होती है, अतः इसका इलाज बवासीर रोग में किया जाता है इसके पत्तों को पानी के साथ पीसकर, छानकर पीने से बवासीर, दस्त, डायरिया, पाचन-तन्त्र के रोग ठीक होते है।