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मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने की परंपरा आज भी है बरक़रार कियोंकि इसमें छुपा है सेहत का राज़ नहीं पता है तो जानें

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इन बर्तनों की वजह से मेहनत तो कम हुई, लेकिन सेहत पर बुरा असर पड़ने लगा. स्वाद भी कहीं न कहीं फरक होने लगा. क्या आप जानते हैं की मिट्टी के बर्तन में बना खाना हेल्थ के लिए किस तरह बेहतर है. पुराने ज़माने में जो दादा दादी खाना कहते थे जिसमे बनाते थे वो सब आपके शरीर के लिए लाभदायक होता था.

The tradition of cooking food in earthen pots continues even today because if you do not know the secret of health hidden in it, then know

मिट्टी का बर्तन है सबसे अलग

मिटटी के बर्तन में खाना पकाना मतलब आयल कम लगना. ये बर्तन कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम जैसे कई पौष्टिक तत्वों को खाने में बनाए रखते हैं. इसमें पकने वाले खाने की खुशबू लंबे समय तक बरकरार रहती है. खाने वाले के नाक में जन इसकी खुशबू जाती है तब दिमाग खून की तेजी भी स्वस्थ होने लगती

साथ ही ये बर्तन भारी न होने के अलावा इको फ्रेंडली होते हैं. हालांकि इन्हें से खरीदने से पहले इस बात का खास ध्यान रखें कि इन पर पॉलिश न की गई हो. पेंट किये गए बर्तन आपकी सेहत को हानि पहुंचा सकते हैं.

इस बर्तन की खासियत है कि इसमें पकने के बाद खाने का स्वाद बढ़ जाता है. मिट्टी की खुसबू खाने का स्वाद जब दोनों मिलते हैं तो एक अलग ही स्वर्ग का स्वाद बन जाता है. इसमें पका खाना हार्ट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होता है. साथ ही इसमें बना खाना इम्युनिटी पेट के लिए भी फायदेमंद होता है. बाजार में मिट्टी से बने कई तरह की हांडी, कड़ाही, कटोरदान, तवा आसानी से मिल जाएंगे, तो आप इन्हे खरीद क्र इसमें लाजवाब हेल्दी खाना पका सकते हैं.

मिट्टी के बर्तन में दही जमाना है बेहतर

मिट्टी के बर्तन में जमा दही एक तो स्वाद में लाजवाब होता है, दूसरा कि दही गाढ़ी जमती है. दरअसल मिट्टी के बर्तन दूध में मिला पानी सोख लेता है, जिसकी वजह से दही गाढ़ा जमता है. एलकेलाइन बर्तन होने की वजह से इसमें जमने वाला दही असली प्राकृतिक मिठास देता है.

इन बर्तनों का ट्रेंड लौटते ही अब लोगों में इसमें बने खाने का शौक भी बढ़ता जा रहा है. दम बिरयानी, मटन मसाला, केरल फिश करी, उंधियु , चिकन बिरयानी, फिश बिरयानी जैसे खान पान जो धीमी आंच पर पकाए जाते हैं, इन बर्तनों में अच्छे बनते हैं. धीमी आंच में पकने की वजह से, खाने के जलने या बर्तन में चिपकने की टेंशन नहीं रहती है खाने का अलग स्वाद इसमें नमी बरकरार रहती है.

मिट्टी के बर्तन की देखभाल

बर्तनों को धोने के लिए साबुत, लिक्विड या डिटर्जेंट का इस्तेमाल कभी न करें. ये सभी डिटर्जेंट बर्तनों के अंदर जम सकते हैं.

मसालों की महक खत्म करने के लिए बर्तन में पानी भरकर नींबू का रस छिलका डालकर उबालें.

गर्म बर्तन पर ठंडा पानी न डालें, इससे बर्तन में दरार आ सकती है ये टूट सकता है.

इसे हल्के गुनगुने पानी सॉफ्ट स्क्रब से साफ करें.

खाना धीमी आंच पर ही बनाएं, ताकि बर्तन को कोई नुक्सान या कालक न बने.

बर्तन के कालक को भी निम्बू से साफ़ किया जा सकता है.

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