सर्दियों में ज्यादा ठंड लगती है तो शरीर को हो सकती है यह समस्या

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सर्दियों में ठंड लगना सामान्य बात है, लेकिन कई लोगों को सामान्य तापमान में भी अत्यधिक ठंड महसूस होती है और वे पाते हैं कि उनके हाथ-पैर हमेशा जमे रहते हैं। अगर आपको ज्यादा ठंड लगती है तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। अत्यधिक ठंड लगना शरीर में कुछ कमी का संकेत देता है।

सर्दियों में ठंड लगना और हाथ-पैर सुन्न होना सामान्य बात है लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें सामान्य लोगों से ज्यादा ठंड लगती है। सर्दी हो या गर्मी, इनके हाथ-पैर हमेशा ठंडे रहते हैं। क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों होता है?? ज्यादा ठंड लगने के पीछे कई कारण होते हैं। आज हम जानेंगे कि शरीर में जरूरत से ज्यादा ठंड लगने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं?

शरीर में आयरन की कमी:

आयरन रक्त का प्रमुख तत्व है। यह रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है और यह भी सुनिश्चित करता है कि हर कोशिका काम कर रही है। रक्त का सही संचार करता है, यदि रक्त में आयरन की मात्रा कम है, तो शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है और इस वजह से कुछ लोगों को ठंड लगने की संभावना अधिक होती है। खून में आयरन की कमी से शरीर का तापमान प्रभावित होता है, इसकी कमी से थायरायड की बीमारी भी हो जाती है और खून में आयरन की कमी से रक्त संचार भी प्रभावित होता है। आयरन की कमी से रक्त संचार धीमा हो जाता है और इससे शरीर को आवश्यक गर्मी नहीं मिल पाती है, इसलिए आहार में आयरन युक्त पदार्थों का सेवन बढ़ा देना चाहिए।

विटामिन बी 12 की कमी:

आयरन की तरह विटामिन बी12 भी रक्त निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन बी-12 की कमी से लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बन पाती हैं और इसलिए बी12 की कमी होने पर भी शरीर सामान्य से अधिक ठंडा महसूस होता है।

खराब रक्त का संचार :

शरीर में ब्लड सर्कुलेशन खराब होने के कारण कुछ लोगों को ठंड अधिक लगती है। रक्त में अशुद्धता के कारण धमनियां संकरी हो जाती हैं और रक्त का संचार ठीक से नहीं हो पाता, इसलिए ठंड का अहसास अधिक होता है।

शरीर में पर्याप्त वसा नहीं होना:

शरीर की चर्बी का सीधा संबंध ठंड से होता है। शरीर में पर्याप्त वसा नहीं होने से भी अत्यधिक ठंड लगती है। शरीर की चर्बी शरीर में गर्मी पैदा करती है। जिनका बीएमआई 18.5 से कम है उन्हें ज्यादा ठंड लगती है।

अपर्याप्त नींद:

नींद की कमी से शरीर का तापमान बिगड़ जाता है। जिन लोगों को पर्याप्त नींद नहीं मिलती है उनमें शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने वाले तंत्रिका तंत्र में गड़बड़ी होती है। इसलिए अधिक ठंड के साथ अधिक थकान महसूस होती है।

पुरुषों से ज्यादा ठंडी होती हैं महिलाएं:

पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा ठंडक महसूस होती है। क्‍योंकि महिलाओं के शरीर में एस्‍ट्रोजन शरीर में रक्‍त प्रवाह को कम कर देता है। पीरियड्स के दौरान एस्ट्रोजन बढ़ने के कारण कुछ महिलाओं को उन दिनों ज्यादा ठंड लगती है।

पानी भी तापमान बनाए रखने में मदद करता है:

कम पानी पीने से शरीर का तापमान कम होता है।पर्याप्त पानी नहीं पीने से मेटाबॉलिक रेट कम होता है। पर्याप्त पानी शरीर के तापमान को सही बनाए रखता है और सर्दी की समस्या से निजात दिलाता है।

अत्यधिक तनाव:

अत्यधिक तनाव मस्तिष्क के ‘अमिगडाला’ भाग को सक्रिय करता है। अमिगडाला शरीर को सुरक्षित महसूस कराने का काम करता है। अमिगडाला के सक्रिय होने से शरीर की ऊर्जा बर्बाद होती है और शरीर में ऊर्जा की कमी के कारण रक्त का संचार ठीक से नहीं हो पाता है और इसलिए ठंड लगती है। गर्भावस्था में एनीमिया और खराब ब्लड सर्कुलेशन आम समस्याएं हैं। इसलिए खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को हाथ-पैर ठंडे होने का खतरा ज्यादा होता है।

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