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21 दिन काजू खाने से होगा कुछ ऐसा की देख कर आप हो जाएंगे हैरान

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काजू फल आयुर्वेद के हिसाब से मिठा, कसेला गर्म होता है. इस के अंदर बहुत सारे विटामिन के तत्व है. जैसे मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन सी विटामिन बी 1 थायामिन विटामिन बी 2 राइबोफ़्लिविन विटामिन बी 3 नियासिन विटामिन बी 6 फोलेट विटामिन ई विटामिन के कॉपर और एंटीआक्सीडेंट्स का प्रमाण होता है. एक्सपर्ट के कहने से काजू के अंदर 1.2 ग्राम फैट 115 कैलोरी होती है.

काजू वात, ज्वर, कफ, वृण, चर्मरोग, बवासीर भूक की कमजोरी, दात, मसुडे, धातू, कोढ, मलविकार, आत का रोग, बलवर्धक, पेट की गैस, कब्ज, ओठ पैर फटना, इन्सान को होने वाले इन सभी रोगो का काजू सेवन करणे से फायदा होता है.

सुबह प्रति 21 दिन खाली पेट 5 काजू शहद के साथ खाने से स्मरणशक्ती, यादशक्ती, बोधिकशक्ती बढती है. और शारीरिकशक्ती तंदुरुस्त रेहती है. इतना ही नही बल्की जीन किसी को आत की बिमारी है. एैसे मरीज सुबह खाली पेट 2 काजू एक काली मिर्च का बीज नमक के साथ खाने से मलविकार आत का वायू एक हप्ते में कम होता है.

शरीर पर या गर्दन पर छोटे छोटे मसे दिखने लगे तभी इन्सान को उसे निकाल ने के लिये काजू के छिलको का तेल लगाना चाहीये. इस की वजसे गर्दन के आजू बाजू दिखने वाले छोटे मसे कही हप्ते में अपने आप निकल पडेगे.

अगर घर में छोटे बच्चो के पेट में किडे हो जाते है. एैसे समय बच्चो को अदा कफ दुध और 5 काजू खिलाने से मल के साथ किडे निकल जायेगे. बच्चो को काजू खिलाने से उनकी हड्डीया मजबूत बनती है. काजू में मोनो सैचुरेटड फैट होता है. जो बच्चो के दिल के बिमारी की रक्षा करता है.

गर्भवती महिला तिसरे महिने से काजू का सेवन करे. काजू के अंदर तरह तरह के पोषक तत्व पाये जाते है. गर्भवती महिला को इस की अत्यंत आवशकता है. काजू के सेवन से शिशु सेहतमंद रहता है. शिशु की हड्डीया और मस्तीक का अच्छी तरह विकास होता है. शिशु के जन्म के समय शिशु का वजन लगभग अच्छा बढता है. इस के अलावा गर्भवती महिला और शिशु दोनो तंदुरुस्त रहते है.

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