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इस खास हरी पत्ती को खाने से होगा डायबिटीज के मरीजों को फायदा, जानिए कैसे करें इसका इस्तेमाल

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मरीजों को फायदा डायबिटीज वाले व्यक्ति में, उसके शरीर में एंजाइम ठीक से इंसुलिन का स्राव नहीं कर पाते हैं। इंसुलिन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है, यह हमारी कोशिकाओं को रक्त के माध्यम से शुगर प्राप्त करने में मदद करता है, जिससे ऊर्जा मिलती है। मधुमेह रोगियों को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना होगा, नहीं तो ब्लड शुगर लेवल बेकाबू हो जाएगा। भारत के मशहूर पोषण विशेषज्ञ ‘निखिल वत्स’ने बताया कि अगर हम खास हरी पत्तियों का इस्तेमाल करें तो डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है.

मधुमेह में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए कई प्राकृतिक उपचार हैं, लेकिन अगर आप सौंफ यानि सुआ के पत्तों का इस्तेमाल करते हैं तो कुछ ही दिनों में असर दिखने लगेगा। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह किसी सुपरफूड या दवा से कम नहीं है।

दुनिया भर में हुए तमाम शोधों से यह साबित हो चुका है कि टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए सुआ की पत्तियां काफी फायदेमंद मानी जाती हैं। दरअसल, ये पत्ते हमारे शरीर में इंसुलिन के स्तर को बढ़ाते हैं यानी प्रवाह को नियंत्रित करते हैं और रक्त-शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित कर सकते हैं। सुआ के पत्तों की मदद से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है, जो संक्रमण के समय बहुत जरूरी है।

डिल के पत्तों का उपयोग कैसे करें

1. वैसे तो खाने में सौंफ का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है, लेकिन ये सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं. इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए प्याज, अदरक, लहसुन, लाल मिर्च, जीरा और सरसों का भी इस्तेमाल किया जाता है।

2. सुआ के पत्तों का सेवन करने का स्वास्थ्यप्रद तरीका है कि इसका रस निकाल कर पी लें, पहले पत्तों को मिक्सी में पीस लें, फिर स्वादानुसार नींबू और काला नमक मिलाएं।

3. डिल के पत्तों को रोटियों या परांठे में भरकर भी खाया जाता है. इसके अलावा सलाद का सूप या अचार बनाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है. मधुमेह रोगियों को सुआ के पत्तों का सेवन इस तरह करना चाहिए कि इसमें तेल की मात्रा कम हो या न हो।

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