सर्वाइकल कैंसर क्यों होता है? किन महिलाओं में इसकी संभावना अधिक होती है?
भारतीय महिलाओं में उन्नत चरण के सर्वाइकल कैंसर का निदान किया जाता है। इसके पीछे का कारण यह भी हो सकता है कि ज्यादातर महिलाएं इस कैंसर के बारे में उतनी जागरूक नहीं हैं, जितनी उन्हें होनी चाहिए।
जिन महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है उन्हें अपने आहार में जितना संभव हो उतना पोषक तत्व शामिल करना चाहिए। अन्यथा सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
50 की उम्र के बाद महिलाओं को अक्सर सर्वाइकल कैंसर की शिकायत हो जाती है। यह अधिकतर महिला प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है। सर्वाइकल कैंसर के मामले हर साल बढ़ते जा रहे हैं।
महिलाओं को पीरियड्स और प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के किसी भी संकेत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस कैंसर के गंभीर लक्षण हो सकते हैं।
गर्भाशय का कैंसर एक महिला के लिए घातक हो सकता है। इसमें गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। इससे जीन्स में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं।
सर्वाइकल कैंसर योनि के निचले हिस्से में शुरू होता है। और बाद में योनि का विस्तार हो सकता है। निचले हिस्से में गांठ बन जाती है। ऐसा सर्वाइकल कैंसर के खतरे के कारण हो सकता है।
जिन महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उनमें सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इस कैंसर का पता चलते ही महिलाएं इम्यूनोसप्रेसिव थेरेपी कराती हैं।