आंखों के सामने अँधेरा आना यह है इनका सही कारण और पहचान

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दृष्टि का कभी-कभी धुंधला हो जाना कई कारणों से हो सकता है। इसका सही कारण जानने का सबसे सही तरीका है कि डॉक्टर से आंखों की जांच कराएं।

क्यों नज़र हो जाती है धुंधली:

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इसका कभी-कभी धुंधला हो जाना एक बहुत ही आम समस्या है, लेकिन ऐसा कई कारणों से हो सकता है। तो इसका सही कारण जानने का सबसे सही तरीका है कि आप डॉक्टर के पास जाएं और जांच कराएं। आपकी समस्या के बारे में कुछ जरूरी सवाल करने तथा कुछ आवश्यक टेस्ट करने के बाद डॉक्टर आपकी समस्या का उचित निदार करता है और आपको समस्या मुक्त करता है। लेकिन आपको भी पता होना चाहिए कि इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं।

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रिफलेक्टिव त्रुटियां:

कोई रिफलेक्टिव त्रुटि सही ढंग से प्रकाश केंद्रित में आ रही समस्या के परिणाम स्वरूप होने वाला ऑप्टिकल दोष होता है। फारसाइटिडनेस, नीयरसाइटिडनेस और एस्टिग्मैटिस्म कुछ प्रमुख त्रुटियां हैं। इनके कारण भी नज़र धुंधली हो जाती है।

आंखों में सूखापन:

यदि इनमें आंसू नहीं बन रहे हैं, जैसे कि उन्हें बनना चाहिए तो इस कारण इनमें हुए सूखेपन की वजह से आप दृष्टी में धुंधलापन महसूस कर सकते हैं। यह समस्या कभी-कभी, सरल ओटीसी आई ड्रॉप से समाप्त हो सकती है।

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माइग्रेन:

यह कई प्रकार से दुबलापन पैदा कर सकता है। सिरदर्द से पीड़ित कई लोग को अक्सर उनकी दृष्टि को प्रभावित होने का अनुभव होता है। यदि आप गंभीर सिर दर्द का अनुभव करते हैं तो हो सकता है कि आपको भी दृष्टी में धुंधलापन महसूस हो, तो ऐसे में न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें।

दवाओं का सेवन:

हम सभी जानते हैं कि सभी दवाओं के कुछ न कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। तो यदि आपकी आंखों में धुंधलेपन की समस्या हो रही है तो जानने की कोशिश करें कि यह किसके सेवन के बाद अधिक होता है। और फिर इस बारे में अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

मोतियाबिंद:

इसके कारण आंखों के लेंस के आगे गर्द जैसी जम जाती है, जिसके कारण भी दृष्टी धुंधली हो जाती है। अधिकांशतः बड़े उम्र के लोगों को होने वाली इस समस्या को चश्मा लगाकर ठीक नहीं किया जा सकता और इसे ऑपरेट करना पड़ता है।

ग्लोकोमा:

नजर का धुंधला होना इसका लक्षण भी हो सकता है। इसमें आंखों में ऊपर को दबाव बनता है और ऑप्टिक नर्व को हानि पहुंचाता है। यदि आपके परिवार में इसका इतिहास रहा है तो आपको नियमित अंतराल पर आंखों की जांच करते रहना चाहिए।

डायबिटीज:

इसमें शरीर का ब्लड शुगर लेवल प्रभावित हो जाता है। यह आंखों तथा शरीर के अन्य अंगों तक हो रहे रक्त प्रवाह को भी प्रभावित कर सकता है। यदि आप डायबिटिक हैं और आंखों में धुंधलापन महसूस कर रहे हैं तो यह स्थिति मधुमेह रेटिनोपैथी हो सकती है।

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