यकृत की वृद्धि अगर आप को भी है ये बीमारी तो इसे जड़ से खत्म करे ये 13 घरेलु उपाये तुरंत देखे
1. मूली का रस और मकोय का रस 20-20 ग्राम मिलाकर प्रात: और सायं सेवन करने से यकृत वृद्धि में बहुत लाभ होता है. 10-12 वर्ष के बच्चों को इस मिश्रण का आधी मात्रा में सेवन कराएं.
2. यकृत्त वृद्धि मे प्रतिदिन सुबह शाम गोमूत्र वस्त्र द्वारा छानकर 20 ग्राम पिलाने से बहुत लाभ होता है. (ताजे गोमूत्र का ही इस्तेमाल करना चाहिए.
- यकृत वृद्धि मे वमन अधिक हो तो अर्क पुदीना, थोडा सा नीबू का रस मिलाकर. सेवन कराएं.
- सोंठ, पीपल, चित्रक मूल, बायबिडंग, दंतीमूल सभी वस्तुएं 10-10 ग्राम लेकर कूट-पीसकर चूर्ण बनाएं इसमें 50 ग्राम हरड़ का चूर्ण मिलाकर रखे. प्रतिदिन 3 ग्राम चूर्ण सुबह, 3 ग्राम चूर्ण शाम क्रो हल्ले गर्म जल के साथ सेवन करने से यकृत वृद्धि मेँ बहुत लाभ होता है.
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- एक केले में कच्चे पपीते के दूध की सात आठ बूंदें मिलाकर, फेटकर भोजन फे बाद सुबह-शाम सेवन करने से यकृत वृद्धि नष्ट होती है.
6. अपराजिता के बीजो को भूनकर, कूट पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर 3 ग्राम चूर्ण हल्ले गर्म जल से सुबह शाम सेवन करने से यकृत वृधि नष्ट होती है.
7. मकोय का रस 25 ग्राम हल्का गर्म करके यकृत के ऊपर लेप करने से यकृत की वृद्धि नष्ट होती है. पुनर्नवा के रस का भी लेप कर सकते हैं.
- जामुन के पत्तो का अर्क निकालकर 5 ग्राम की मात्रा में 4-5 दिन सेवन कराने से बहुत लाभ होता है.
- हरी मकोय का अर्क 15 ग्राम, गुलाब के फूल 15 ग्राम और अमलतास का गूदा 15 ग्राम तीनों को पीसकर यकृत के ऊपर लेप करने पर यकृत वृद्धि नष्ट होती है.
- छोटी मूली और कुचला दोनो 10-10 ग्राम लेकर, पीसकर यकृत पर ऊपर से लेप करने से यकृत वृद्धि नष्ट होती है.
- सूखे आंवले का चूर्ण 4 ग्राम या आंवले का रस 25 ग्राम 150 ग्राम जल मे अच्छी तरह मिलाकर दिन में 4 बार सेवन करने से बहुत लाभ होता है.
- बडी हरड़ को पीसकर चूर्ण बना ले पुराना गुड और हरड़ का चूर्ण मिलाकर. 1 ग्राम की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें 1-1 गोली सुबह-शाम ले 30-40 दिनों तक सेवन करने से बढे हुए यकृत के रोग मे बहुत लाभ होता है.
- पपीते के बीजों को सुखाकर कपड़ छन चूर्ण बना लें 3 ग्राम चूर्ण लेकर इसमे आधा नीबू का रस मिला ले 1 दिन में 2 बार इस चूर्ण का सेवन करने से यकृत बुद्धि में बहुत लाभ होता है.