रोज रोज करते हो व्यायाम?, तो रखे सावधानियां, जानिए क्यों
व्यायाम करना सबको पसंद है लेकिन व्यायाम को करने से पहले आप को जान लेना चाहिए कि आपको कोई बीमारी तो नहीं और किसी भी प्रकार के लक्षण तो नहीं तथा आने चिकित्सा के निर्देशानुसार व्यायाम का कार्यक्रम बनाना चाहिए उचित होगा की एक अनुभवी एवं प्रशिक्षित प्राकृतिक योग चिकित्सक से इसके बारे में परामर्श लेकर योगाभ्यास के एक क्रम का निर्धारण करा लिया जाए व्यायाम करते समय या व्यायाम करने के पश्चात् यदि थकान महसूस हो जी घबराने लगे दुर्बलता मालूम हो सीने में दर्द या भारीपन लगे तो सभी कार्य छोड़कर तुरंत लेट जाना चाहिए उपर्युक्त लक्षण उत्पन्न होने का अर्थ है की व्यायाम की मात्रा शरीर की क्षमता से अधिक हो गई है
पैदल चलने के बाद यदि पैरों में दर्द रहने लगे तो पैदल चलने के बाद यदि पैरों में दर्द रहने लगे तो पैदल चलने का अभ्यास कम कर देना चाहिए व्यायाम करते समय किसी तरह क आघात या चोट न लगे इसका ध्यान रखना चाहिए यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि व्यायाम के उपरांत रोगी द्वारा लिए जाने वाले आहार की मात्रा में वृद्धि न हो अन्यथा व्यायाम से लाभ मिलने की सम्भवना क्षीण हो जाएगी प्राय मधुमेह को जीवन भर चलने वाले रोग की संज्ञा दी जाती है किन्तु योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा की दृष्टि से यह पाचन संबंधी रोग माना जाता है नियमित योगाभ्यास करने से इस रोग की स्थिति को काफी हद तक रूप से नियंत्रण में लाया जा सकता है मधुमेह का नियंत्रण प्रभावी रूप से करने वाले साधनों में योग सबसे उत्कृष्ट साधन है व्यायाम करने में असमर्थ मधुमेह के बहुत से रोगी घरेलू कामकाज कर कारण सवेरे टहलने के लिए घर से न निकल पानी वाली महिलाएँ तथा प्रौढ़ व्यक्ति नियमित रूप से योगाभ्यास करके अपने रोग को नियंत्रण में ला सकते हैं नियमित रूप से व्यायाम करना यद्यपि प्रत्येक व्यक्ति के लिए लाभदायक है किन्तु मधुमेह को चिकित्सा आहार का ही स्थान है चलना तैरना साईकिल चलाना तथा बागवानी करना ऐसे व्यायाम हैं जो विशेष श्रम साध्य न होकर मधूमेह के रोगियों के लिए उपयुक्त माने जाते हैं व्यायाम के नियमित अभ्यास से रक्त में शर्करा की मात्रा कम होती है अत औषधि या इन्सुलिन लेने वाले मधुमेह के रोगियों को व्यायाम के अनुपात में दवा की मात्रा का निर्धारण अपने चिकित्सक के परामर्श से कराते रहना चाहिए व्यायाम शुरू करने के बाद दवा की मात्र पूर्णनिर्धारित न करने पर रक्त में शर्करा का स्तर नीचे आ जाने का खतरा बना रहता है।