गाउट की बीमारी से बचाएगा एलोवेरा, ऐसे करें सेवन
अक्सर लोग गठिया के बारे में तो जानते हैं लेकिन गाउट के बारे में अवेयरनैस नहीं होते हैं। गाउट की प्रॉब्लम जोडों में यूरिक एसिड के क्रिस्टल जमा होने के कारण होती हैं। इस बीमारी में भी गठिया की तरह जोड़ो में सूजन और दर्द होता हैं।
यूरिक एसिड से होने वाला यह दर्द गाउट कहलाता हैं। गाउट का इलाज साधारण दवाओं से किया जा सकता हैं। पर यह तभी संभव है जब मरीज इस बीमारी के बारे कुछ जानकारी रखता हो और इसके बारे में अपने मन की भ्रांतियाँ दूर कर ले। गाउट की यह बीमारी अक्सर महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करती हैं।
दुनियाभर में यूरिक एसिड के बढ़ने का मानक हैं 6.8mg/dl. इससे ज्यादा होने पर इसे हाइपर युरिसेमिया कहते हैं। एसिड की मात्रा घटाने के लिए दवाओं की तब जरूरत पड़ती हैं जब गठिया के लक्षण हो, किडनी खराब हो गई हो या त्वचा में यूरिक एसिड के क्रिस्टल जम गए हो।
इस स्थिति को टोफाई कहते हैं। इस बीमारी का इलाज संभव है लेकिन मरीज इस बीमारी को ठीक से नहीं समझते और गलत धारणा रखते हैं और नियमित दवाई नहीं लेते।
गाउट और गठिया की बीमारी से बचने के लिए आयुर्वेद में बताई गई औषधि एलोवेरा का नियमित सेवन करना चाहिए।
शरीर में बढ़े यूरिक एसिड को कम करने के लिए प्रतिदिन खाली पेेट एलोवेरा का सेवन करना चाहिए इससे यूरिक एसिड की मात्रा शीघ्र ही कम होती हैं साथ ही गठिया और गाउट की बीमारी भी नहीं होती हैं।
यूरिक एसिड बढ़ने पर जोड़ो में दर्द होने लगे तो नियमित रूप से एलोवेरा का सेवन करना चाहिए इससे जोड़ो का दर्द शीघ्र ही दूर हो जाता हैं। एलोवेरा का जूस और सेवन सब्जी के रूप में भी सेवन किया जा सकता हैं।