होलिका दहन के दिन भी न करें ऐसी गलतियां, संतान पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.
होलिका दहन के दिन भी न करें ऐसी गलतियां, बच्चे पर पड़ेगा बुरा असर
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। इस साल यह 17 मार्च को मनाया जाएगा। होलिका दहन कुछ कार्यों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। वहीं होलिका दहन के दिन किसी काम का बहुत बुरा फल मिलता है.
फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन मनाया जाता है। होलिका दहन की पूजा शुभ मुहूर्त में करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि शुभ मुहूर्त में किया गया कार्य शुभ फल देता है। धार्मिक मान्यता है कि होलिका की पूजा करने से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस साल होलिका दहन गुरुवार 17 मार्च को होगा। होलिका दहन के दिन कोई भी कार्य करना बहुत ही अशुभ माना जाता है। ऐसे में हम जानते हैं कि होलिका दहन के दिन क्या नहीं करना चाहिए।
होलिका दहन के दिन न करें ये गलतियां
होलिका दहन की अग्नि जलते हुए चीते का प्रतीक मानी जाती है। इसलिए नवविवाहितों को अलाव जलते नहीं देखना चाहिए। ऐसा करना वास्तव में अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से दांपत्य जीवन में कई परेशानियां आ सकती हैं।
होलिका दहन के दिन किसी को भी ऋण नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-शांति नहीं आती है। साथ ही हमें आर्थिक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है।
होलिका में कभी भी माता-पिता की इकलौती संतान की बलि नहीं देनी चाहिए। दरअसल इसे अशुभ माना जाता है। यदि आपके दो बच्चे हैं, तो आप अलाव जला सकते हैं।
होलिका अग्नि में भूल जाने पर भी पीपल, वड़ और आम की लकड़ी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से जीवन में नकारात्मकता आती है। होलिका दहन के लिए गूलर और अरंडी की लकड़ी शुभ मानी जाती है।
होलिका दहन के दिन किसी भी महिला का गलती से अपमान नहीं करना चाहिए। इस दिन माता-पिता का आशीर्वाद अवश्य लेना चाहिए। ऐसा करने से श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
होलिका दहन शुभ मुहूर्त
होलिका दहन गुरुवार 17 मार्च को होगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 9.16 से 10.16 बजे तक रहेगा. अगले दिन यानी शुक्रवार 18 मार्च को रालावली होली खेली जाएगी.