क्या है टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज, जानिए किसको है डायबिटीज होने का खतरा?
क्या है टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज, जानिए किसको है डायबिटीज होने का खतरा?
मधुमेह में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज दोनों ही खतरनाक हैं। मधुमेह हृदय और गुर्दे को भी प्रभावित करता है।
मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जिसे केवल नियंत्रित किया जा सकता है। मधुमेह के रोगी के रक्त शर्करा के स्तर पर खाने-पीने का बहुत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में आपको खान-पान और रहन-सहन दोनों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। डायबिटीज दो प्रकार की होती है टाइप-1 और टाइप-2। मधुमेह रोगी के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है। मधुमेह से किडनी, हृदय और रक्तचाप जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं मधुमेह कैसे होता है।
मधुमेह क्या है?
जब कम इंसुलिन शरीर के अग्न्याशय तक पहुंचता है, तो रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को मधुमेह कहते हैं। इंसुलिन हमारे शरीर में पाचन ग्रंथियों द्वारा निर्मित एक हार्मोन है। इसका काम भोजन को ऊर्जा में बदलना है। इंसुलिन हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है। अगर किसी व्यक्ति को मधुमेह है, तो शरीर के लिए भोजन से ऊर्जा बनाना मुश्किल होता है। ऐसे में शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है, जिससे शरीर के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचता है।
मधुमेह के प्रकार
टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के बारे में आपने ज्यादातर लोगों से सुना होगा। मधुमेह ज्यादातर वंशानुगत और खराब जीवनशैली के कारण होता है।
टाइप 1 मधुमेह – मधुमेह विरासत में मिल सकता है। यदि आपके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी में से किसी एक को मधुमेह है, तो परिवार के किसी भी सदस्य को टाइप-1 मधुमेह होने का खतरा हो सकता है।
2- टाइप-2 डायबिटीज- अनियमित जीवनशैली को टाइप-2 डायबिटीज का मुख्य कारण माना जाता है। कम शारीरिक गतिविधि, कम नींद, अनियमित खान-पान, अधिक फास्ट फूड और मिठाई खाने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।