उच्च रक्त शर्करा से हो सकता है अंधापन…
उच्च रक्त शर्करा
WHO के अनुसार, आंखों की विभिन्न बीमारियों के बाद डायबिटिक रेटिनोपैथी दुनिया भर में अंधेपन का दूसरा प्रमुख कारण है। इस बीमारी से प्रभावित होने के बाद आंखों की रोशनी खोने का खतरा 50 प्रतिशत तक होता है।
मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी रोग: खराब जीवनशैली और खान-पान के कारण हमारे देश में मधुमेह के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह इतनी खतरनाक बीमारी है कि जब यह हो जाती है तो इसका असर शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ता है। डायबिटीज का सबसे गंभीर और खतरनाक प्रभाव हृदय, किडनी और आंखों पर पड़ता है। इस बीमारी के कारण आंखों की रोशनी भी जा सकती है। जिसके कारण डायबिटिक रेटिनोपैथी रोग हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, जिन मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा का स्तर बार-बार बढ़ता है, उनमें इस बीमारी के विकसित होने का खतरा अधिक होता है, जो परेशानी भरा हो सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण और इससे बचने के उपाय…
डायबिटिक रेटिनोपैथी खतरनाक क्यों है?
डॉक्टरों का कहना है कि डायबिटिक रेटिनोपैथी की बीमारी इतनी खतरनाक है कि यह आंखों की रोशनी तक छीन सकती है। जिसके कारण व्यक्ति अंधेपन का शिकार हो सकता है। मधुमेह रोगी जो उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं और नियमित धूम्रपान करते हैं, उन्हें इस बीमारी का सबसे अधिक खतरा होता है। WHO के अनुसार, विभिन्न नेत्र रोगों के बाद डायबिटिक रेटिनोपैथी दुनिया भर में अंधेपन का दूसरा प्रमुख कारण है। इस बीमारी के विकसित होने के बाद आंखों की रोशनी खोने का खतरा 50 प्रतिशत तक होता है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी रोग के कारण
नेत्र रोग विशेषज्ञों के अनुसार मधुमेह एक खतरनाक दीर्घकालिक बीमारी है, जो शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकती है। जिन मरीजों में रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक होता है, उन्हें इस बीमारी का खतरा सबसे अधिक होता है। यह बीमारी सीधे रेटिना पर हमला करती है और उसकी कार्यप्रणाली को ख़राब कर देती है। अगर समय रहते इसके लक्षणों को पहचानकर इलाज न किया जाए तो अंधापन हो सकता है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण
- धुंधली या कम दृष्टि
- चक्कर आना
- सिरदर्द की समस्या
कैसे करें बचाव
- हर 6 महीने में अपनी आंखों की जांच कराएं।
- रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने का प्रयास करें।
- अगर समस्या ज्यादा बढ़ जाए तो डॉक्टर के पास जाएं।