लैपटॉप, मोबाइल फोन के लगातार इस्तेमाल से बढ़ी है यह समस्या, जानिए
इंटरनेट मीडिया की व्यस्तता ने हमारे लैपटॉप जीवन को गतिहीन और लगभग निष्क्रिय बना दिया है ,जिसका लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। मोबाइल फोन, लैपटॉप और कंप्यूटर पर लगातार एक ही स्थिति में स्क्रीन से चिपके रहने से गर्दन आगे-पीछे नहीं हो पाती है। 10 साल से लेकर 25 साल के बच्चों में उंगलियों, कलाई और कंधों में अकड़न की शिकायत होती है।
लगातार गेमिंग, स्क्रॉलिंग और टेक्स्टिंग से कोहनी झुक सकती है और उंगलियां सुन्न हो सकती हैं, जो कि क्यूबिटल टनल सिंड्रोम का लक्षण है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के कीपैड पर लंबे समय तक काम करने से उंगलियों, कलाई, कंधे और गर्दन की मांसपेशियों के छोटे जोड़ों में खिंचाव आ सकता है। चोट लगने से उसे टेंडोनाइटिस होने लगता है।
इतना ही नहीं लंबे समय तक फोन के संपर्क में रहने से मसल्स टिश्यू पर असर पड़ता है। नींद के दौरान भी दिमाग के सक्रिय रहने के कारण नीली रोशनी नींद में खलल, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं भी पैदा करती है।