तोरी/तोरई की ऐसी सब्जी जो नही खाता वो भी खाने लगेगा, एक बार जरूर पढ़ लें ये खबर
तोरई से हम सभी अच्छी तरह से परिचित है. यह एक प्रकार की सब्जी की जिसकी खेती भारत के हर जगहों में की जाती है. तोरई के इस्तेमाल से पीलिया, संक्रमण, त्वचा रोग, नेत्र रोग, मधुमेह जैसे अन्य बिमारियों में किया जाता है.
इसकी प्रकृति ठंडी और तर होती है. आदिवासी लोग इसका इस्तेमाल कई रोगों के उपचार के लिए करते हैं और हर्बल जानकार इसे कई नुस्खों में इस्तेमाल भी करते हैं. तोरई में विटामिन, मिनरल्स और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसे अलग-अलग जगहों पर अन्य नामों से भी जाना जाता है.
तराई खाने से होने वाले फायदे-
अगर आपके पेशाब में जलन है तो आपको तोरई का सेवन जरूर करना चाहिए. इसके सेवन से पेशाब में जलन दूर होता है और मूत्र खुलकर होता है. तोरई विटामिन ए का एक अच्छा स्त्रोत है जो नेत्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए काफी मददगार होता है.यदि दमा का रोगी दमा के दौरे या खांसी से परेशान हो तो उसे तोरई का उपयोग करना हितकर है। ऐसे व्यक्ति को सुबह-शाम तोरई का रस 10-20 मि.ली. मिश्री मिलाकर पीना चाहिए। लेकिन जिन्हें कफ अधिक होता हो, उन्हें यह प्रयोग नहीं करना चाहिए।
अगर आप तोरई की सब्जी का सेवन नियमित रूप से करते हैं तो इससे किडनी की पथरी के साथ-साथ अन्य रोग समाप्त हो जाते हैं.