अगर आपको ब्रोंकाइटिस है तो ये साधारण सा उपाय करके देखें, जानिए इसके बारे में
धनिया की हरी पत्ती के बारे में कुछ कहने की जरूरत ही नही है,कौन ऐसा व्यक्ति होगा जो इसकी खुशबू से अनजान होगा. रसदार गोभी की सब्जी हो या सूखी भिंडी हो थोड़ी सी काट कर दाल दीजिये फिर देखिए कैसे भूख जगती है और साथ ही साथ पूरा घर भी एक तरावट से भर जाता है.धनियां की पत्ती के फायदे तो हम सब जानते हैं लेकिन धनिया की बीज में एक ऐसा चमत्कारी गुण है ये मैनै अपने स्वयं के अनुभव से जाना है और आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ.कुछ वर्ष पहले की बात है मेरा छोटा बेटा बड़ी ही भयानक खांसी से ग्रस्त हो गया.जैसे ही मौसम बदले लगे बस ऐसी खांसी की बेचारे को सांस लेने में भी भी परेशानी. रातभर बैठ कर बितानी पड़ जाती थी. डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बताया इसको ब्रोंकाइटिस है और ये करीब नौ साल तक रहेगी.सावधानी के लिए कहा कि बाहर जाए तो मास्क लगाकर जाए लेकिन दवाई से कुछ ज्यादा आराम नही हुआ.एक समस्या और ये थी कि उसके पेट में कब्ज इतनी बनती थी कि बेचारा दर्द के मारे रोने लगता था
खैर इसका इलाज तो उन्होंने पपीता बताया जो कारगर भी था लेकिन हर समय मिलने में दिक्कत थी.ऐसे ही कुछ दिन चला.फिर एक दिन मेरी नजर गयी धूप में सुखाई हुई धनिया के बीजों पर.मैने उसे लेकर मिक्सी में महीन पीस लिया.पीसने के बाद उसे महीन छन्नी से छान लिया और उसके बाद एक बड़ी चम्मच में शहद लेकर खूब अच्छे से मिलाकर चटाया.मेरी खुशी का ठिकाना न रहा.उसकी खांसी रुकने लगी थी.फिर चार घंटे के बाद एक बार और वही प्रक्रिया दोहराई.इससे उसकी खांसी में तो आराम मिला ही साथ ही साथ उसके पेट मे जो कब्जियत थी वो भी साफ हो गयी.वास्तव में यह ब्रोन्काइटिस बड़ी ही खराब बीमारी है इसमें खांसी बहुत ही सूखी होती है.कफ फेफड़ों में सूख जाता है और किसी भी तरह निकलता नही.मौसम में जरा सा बदलाव हुआ कि इनफेक्शन शुरू हो जाता है.जरा सी धूल या गर्द नाक के अंदर गयी बस खांसते खांसते जान निकल जाती है.यदि आपके घर मे सीलन है और आप ने धूप अगरबत्ती या मच्छर मारने की दवा भी जलाई तो रोगी के लिए ये असहनीय हो जाता है.वैसे बच्चों की जहां तक बात है तो नौ साल में ठीक हो जाता है जब उनकी इममुनिटी बेहतर हो जाती है लेकिन उम्रदराज लोगो को इससे बहुत ही सम्हलकर रहने की जरूरत है.