कैसे लहसून का सेवन करने से इन रोगो पर सीधा असर होता है?
लहसून एक एैसा मसाला पदार्थ है जिसका सीधा रोगपर असर होता है. इसके औषधीय गुण पुष्टीकारक, गर्म, दस्तावर, पाचक, स्निग्ध, वीर्यवर्धक इन गुणो से नेत्र रोग, जीर्णज्वर, गुल्म, खासी, बवासीर, वात, सुजन, अरुचि, कुष्ठ, कृमि, मन्दाग्नी, श्वास इन सभी रोगो को नष्ट करता है.
लहसून क्षय रोग के लिये एक अमृत है एलिल प्रोपाइल डिसुलफाइड डिल्ली डिसुलफाइड गन्धक नाम का लहसून में एक तेल होत है. यह तेल क्षय रोग के किटाणू को रोखणे का काम करता है. लहसून की आपने हिसाब से कुच्छ कलिया, शकर, सेधा नमक और घी इन सब को एक साथ मिलाकर इसकी पेस्ट बनाये और यह पेस्ट सुबह शाम एक एक चमच सेवन करे इसका सीधा असर क्षय रोग पर होगा और कुच्छ ही दीनो में क्षय रोग ठीक होगा.
अगर शरीर में कही भी गाठ आने पर लहसून की कुच्छ कलीया पीस कर मरहम की तरह बनाकर वह पेस्ट गाठ जगह पर कपडे के पट्टी से बांधकर रखणे से गाठ की सुजन कम होगी या तो गाठ फुटेगी और मरीज को आराम मिलेगा. त्वचा पर अगर लाल चकते दिखने लगे एैसे समय लहसून के कलियो को पीस कर उस में निम के पत्तो का रस मिलाकर यह रस लाल चकते पर लगाने से कुच्छ दीनो में लाल चकते पर सीधा असर होगा और लाल चकते त्वचा से गायब हो जायेगे.
अगर कोई वात रोग से परेशान है एैसा रोगी लहसून की कुच्छ कलिया एक कप पानी में शाम को भिगोये रखे सुबह उटकर यह पानी पिये यह प्रयोग 10-15 दिन करणे से वात रोग की समस्या दूर होगी इसके साथ ही सुबह ज्वार के रोटी पर घी लगाकर सेवन करणे से और भी ज्यादा फायदा मिलेगा.
कमर दर्द
कमर दर्द से परेशान रोगी लसून की कुच्छ कलियो को पीसकर उस में हींग, सौठ, काली मिर्च, लौंग, जीरा, सेधा नमक, काला नमक, इन सभी को एक साथ पीस कर उसकी छोटी छोटी गोलिया बनाकर रखे और यह गोलिया सुबह शाम पानी के साथ सेवन करे यह प्रयोग से कमर का दर्द कुक्षि की पिडा, उदर वायू, सर्वांगवायू ये सभी रोग तुरंत ठीक होंगे.