टायफाइड बुखार: 4 से 5 मुनक्का और 8-10 अंजीर और 1 से 2 ग्राम खूबकला यह राइ से भी छोटा दाना होता हैं. एक से दो ग्राम मतलब बच्चे हैं तो 1 ग्राम बड़े हैं तो 2 ग्राम तक ले सकते हैं. छोटे बच्चे हैं तो सिर्फ दो ही मुनक्का ले लीजिये बड़े हैं तो चार ले लीजिये और बड़ी उम्र हैं तो 10 मुनक्का तक ले सकते हैं.।
छोटे बच्चों को एक दो अंजीर, बड़े चार पांच अंजीर ले सकते हैं. करीब एक से दो ग्राम खूब कला, चार से पांच अंजीर और आठ दस मुनक्का इनको लेकर कर सलबत्ती (चटनी बनाने की पट्टी) पर अच्छे से चटनी बना लें.।
और चटनी बनाकर के इसको खा लें. खाने में भी यह अच्छे लगते हैं. मुनक्का अंजीर तो और भी बहुत ही अच्छे स्वादिष्ठ लगते हैं. तो मुनक्का, अंजीर और खूबकला यह जो खुराक बताई एक सुबह, एक बार शाम को और गिलोय घनवटी और बाकी जो उपाय बताये उसको करे बस इसमे ख़ास सावधानी यह होगी की इससे बुखार तो ठीक होगा ही और टाइफाइड का आयुर्वेदिक इलाज में भी अच्छा होगा, भूख भी अच्छी लगेगी.।
बस इसके लिए आपको खाने में परहेज करना है केवल. दूध पिलाये भूख लगने पर, चीकू खिलाये या सेब पपीता अदि फल खा सकते हैं. मुंग की दाल का पानी भी पीस सकते हैं. इसके साथ ही बहुत पतली मूंग की दाल भी दे सकते हैं. चीकू मूंग की दाल या मूंग की दाल का पानी, दूध या और कोई हलके फल का सेवन कर सकते हैं. ।
और किसी का तीन दिन में किसी का पांच दिन में यह टाइफाइड बुखार अच्छा हो जाता हैं. याद रखे बच्चों को टाइफाइड की तेज दवा कभी मत दीजिये नहीं तो उनको डायबिटीज हो सकती हैं. यह हमने देखा इसलिए आपको बता रहे हैं. छोटी उम्र में बच्चों को टाइफाइड की, पेट के कीड़े की या बुखार की तेज दवा देने से उनको हमेशा के लिए pancreas ख़राब हो जाता हैं, डायबिटीज हो जाती हैं. जो हमने आपको घरेलु इलाज बताया हैं इससे हानि होने की तो कोई संभावना हैं ही नहीं लाभ ही लाभ होगा और टाइफाइड 100% ठीक होगा.।