क्या आप भी हेयर स्ट्रेटनर का इस्तेमाल करती हैं? इससे बढ़ जाता है कैंसर का खतरा
दिवाली का ऋतु समारोहों के लिए अच्छी तरह से सजाया जाना भी आम है। अच्छा दिखने के लिए हम चेहरे से लेकर पैरों तक पर ध्यान देते हैं। इसमें बालों को स्टाइलिश लुक देने के लिए हेयर स्ट्रेटनर या हीटिंग टूल्स का इस्तेमाल भी शामिल है। यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक रिपोर्ट से पता चला है कि हेयर स्ट्रेटनर से शरीर में एक प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इस लेख में हम आपको उसी शोध के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही हम आपको यह भी बताएंगे कि कैसे स्ट्रेटनर हमें नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं।
हेयर स्ट्रेटनर से इस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है
अमेरिकन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने अपने शोध में पाया है कि जो महिलाएं हेयर स्ट्रेटनर का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं उनमें गर्भाशय के कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह के स्ट्रेटनर में केमिकल होते हैं और ये केमिकल त्वचा और बालों के जरिए शरीर में पहुंचते हैं। इसलिए इसका असर देर से दिखता है, लेकिन इसका खतरा हमेशा बना रहता है।
बालों को झेलना पड़ता है यह नुकसान
हेयर स्ट्रेटनर या अन्य हीटिंग टूल्स बालों को रूखा और बेजान बना सकते हैं। ऐसा देखा गया है कि जब भी बालों पर हेयर स्ट्रेटनर का इस्तेमाल किया जाता है तो बाद में बाल थोड़े चिपचिपे महसूस होते हैं। यह एक प्रकार का रसायन है। पहले महिलाएं महिला को गर्म करके बालों को सीधा करती थीं। हालांकि, यह तरीका सुरक्षित भी माना जाता है। यह भी देखा गया है कि जो महिलाएं रिबॉन्डिंग करवाती हैं, उनके बाल कई बार रूखे दिखते हैं।
त्वचा पर भी दिख रहे हैं ये लक्षण
हेयर स्ट्रेटनर में मौजूद केमिकल न सिर्फ बालों को बल्कि त्वचा को भी नुकसान पहुंचाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इस स्थिति में व्यक्ति को त्वचा पर जलन महसूस हो सकती है। शोध के अनुसार त्वचा में जलन इसका शुरुआती लक्षण हो सकता है। जबकि इस शोध में हेयर स्ट्रेटनर निश्चित रूप से जोखिम में हैं, हेयर ब्लीच, हाइलाइट्स को गर्भाशय के कैंसर से जुड़ा नहीं पाया गया है।