जनता हो चावल के माढ़ के ये 8 फायदों के बारे में?, अभी जाने
अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो अक्सर कूकर में ही चावल पकाते हैं या फिर नॉर्मल पैन में चावल उबालकर इसका बचा पानी फेंक देते हैं तो समझिए बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं. उबले चावल का बचा पानी जिसे मांड या मांड़ कहा जाता है, खाने में इस्तेमाल करने से बहुत लाभ मिल सकता है. मांड़ से होने वाले ये फायदे जानकर आप फिर कभी इसे फेंकेंगे नहीं.
चावल का मांड़ पीने के फायदे
चावल का मांड़ पीने के फायदे को विशेषज्ञों ने भी सिद्ध किया है. उनके अनुसार उबले चावल का पानी पीने से गजब की शारीरिक ऊर्जा मिलती है. मांड में विटामिन की भरपूर मात्रा होती है. इसमें विटामिन B, C, E और अन्य खनिज पदार्थ पाए जाते हैं जो थकान कम करने में मददगार साबित होते हैं मौसमी इंफेक्शन या बुखार होने पर अगर मांड़/मांड पिया जाए तो शरीर में पानी की कमी नहीं होती. साथ ही शरीर को आवश्यक पोषक तत्व भी मिलते हैं. जिससे वायरल या बुखार में जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है
1.डिहाईड्रेशन रोकने का सबसे प्राकृतिक तरीका चावल के माढ़ का सेवन होता है। यह गर्मियों के दिनों में बहुत फायदेमंद होता है और एक गिलास मात्र पीने से काफी आरा मिलता है।
- कब्ज दूर करें
अगर किसी व्यक्ति को आए दिन कब्ज की समस्या रहती है तो उसे चावल के माढ का सेवन नियमित करना चाहिए। इससे उसे कब्ज की समस्या नहीं होगी और उसे आराम रहेगा। - डायरिया का उपचार
चावल का माढ या राइस वॉटर, डायरिया के उपचार के लिए सबसे अच्छा होता है। इसे पीने से डिहाईड्रेशन और दस्त की समस्या भी दूर हो जाती है। - ऊर्जा का उत्तम स्त्रोत
राइस वॉटर में भरपूर मात्रा में ऊर्जा यानि एनर्जी होती है।इससे व्यक्ति का शरीर चुस्त बना रहता है।
5. कैंसर की रोकथाम
चावल के माढ़ में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ए होता है
जो कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ने में मदद करता है।
6. एल्जाइमर को होने से रोकें
अल्जाइमर, बुढापे में भूलने की गंभीर बीमारी को कहा जाता है।
अगर नियमित रूप से माढ का सेवन किया जाएं तो इसके होने के चांसेस काफी कम हो जाते हैं।
7. वायरल संक्रमण का उपचार करे
राइस वॉटर को पीने से शरीर में होने वाला वायरल इंफेक्शन कम हो जाता है
शरीर को आवश्यक पोषक तत्व भी मिल जाते हैं। इससे व्यक्ति को सही होने में कम समय लगता है।
8. सूर्य से सुरक्षा
एक गिलास राइस वॉटर का सेवन गर्मियों के दिनों में घर से करके निकलें।
इससे सूर्य के ताप का प्रभाव शरीर में कम पड़ेगा और पराबैंगनी किरणों का असर भी कम रहेगा।