आखिर कर्म के साथ किस्मत का होना कितना जरूरी, जानिए सफलता के 5 मंत्र

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जीवन से जुड़ी हर तरह की खुशी और सफलता के 5 मंत्र पाने के लिए हर कोई अपने स्तर पर बहुत प्रयास और प्रयास करता है, लेकिन कभी-कभी उन्हें यह सफलता बहुत आसानी से मिल जाती है और कई बार बहुत कोशिशों के बाद भी नहीं मिल पाती है। ऐसी स्थिति में असफल होने वाला व्यक्ति अक्सर अपनी किस्मत को दोष देता है, लेकिन सच्चाई यह है कि केवल भाग्य पर निर्भर रहने से कुछ नहीं होता।

स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि यदि आपके जीवन से कोई मृत अतीत जुड़ा हुआ है, तो उसे दफना दें क्योंकि अनंत भविष्य आपके सामने है। हमेशा याद रखें कि हर शब्द, विचार और कर्म आपके भाग्य का निर्माण करते हैं। इस प्रकार किसी भी व्यक्ति द्वारा आज किया गया कर्म कल का भाग्य बन जाता है। जीवन में नियति का सही अर्थ समझने के लिए जानिए कर्म से जुड़ी 5 अनमोल बातें।

जीवन में सफलता और धन आपके अपने प्रयासों से ही आपकी नियति है।

जीवन में हर किसी की नियति एक बार अवश्य आती है, लेकिन यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह इसका सदुपयोग कैसे करता है।

भाग्य को कोसने से कोई फायदा नहीं है, क्योंकि जीवन में किसी भी तरह की असफलता या अपमान के लिए हम खुद जिम्मेदार हैं.

जीवन में सबसे बुरे समय के लिए हमेशा तैयार रहें, सबसे अच्छे से अच्छे की उम्मीद करें और जो भी जीवन आप पर फेंके। इसे सहर्ष स्वीकार करो, यही नियतिवाद है।

यदि आप भाग्य पर बैठते हैं, तो आपका भाग्य निश्चित रूप से निष्क्रिय रहेगा, लेकिन जिस क्षण आप अपना काम करने के लिए उठेंगे, आपका भाग्य जाग जाएगा।

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