क्या मधुमेह रोगी आम खा सकते हैं? जानिए अध्ययन में क्या पाया

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गर्मी का यह मौसम कई तरह के मौसमी फलों और सब्जियों के लिए खास माना जाता है। तरबूज और खीरा जैसे पानी वाले फलों के साथ रसदार और स्वादिष्ट आम इस मौसम को खास बनाते हैं। आम को फलों का राजा भी कहा जाता है, यह न केवल स्वाद के मामले में बहुत लोकप्रिय फल है, बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है।

प्रोटीन, वसा, चीनी, फाइबर, फोलेट और विटामिन ए और ई की मात्रा इस फल को बहुत स्वस्थ बनाती है। लेकिन क्या आम खाना सभी के लिए अच्छा होता है?

आम स्वाद में इतने मीठे होते हैं कि मधुमेह के रोगी इसका सेवन कर सकते हैं या नहीं यह जानकर आश्चर्य होता है। क्या आम खाने से हाई ब्लड शुगर का खतरा होता है? अगर आपको भी मधुमेह की समस्या है तो आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा। आइए विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं कि मधुमेह रोगी आम खा सकते हैं?

अध्ययनों से क्या पता चला?

आम विभिन्न प्रकार के विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर होते हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए इन प्रमुख पोषक तत्वों की नियमित रूप से आवश्यकता होती है। इसके मीठे स्वाद के कारण मधुमेह रोगियों के लिए आम का सेवन संदिग्ध माना जाता है। इस संबंध में अमेरिकी संस्थानों द्वारा किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि मध्यम मात्रा में आम खाने से ग्लूकोज को तोड़ने में मदद मिलती है और इंसुलिन प्रतिरोध भी कम हो सकता है। हालांकि सभी मधुमेह रोगियों की स्थिति अलग-अलग होती है, ऐसे में इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स के लिहाज से आम का सेवन

मधुमेह के रोगियों को सलाह दी जाती है कि आहार चुनने से पहले उनके ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) पर विचार करें। मधुमेह रोगियों के लिए 55 से कम की चीजें बेहतर मानी जाती हैं। आम में 51 का जीआई होता है, जो तकनीकी रूप से इसे कम ग्लाइसेमिक आहार के रूप में वर्गीकृत करता है। इस हिसाब से मधुमेह में आम का सेवन किया जा सकता है।

हालाँकि, आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि भोजन के प्रति लोगों की शारीरिक प्रतिक्रियाएँ अलग-अलग होती हैं।

क्या डायबिटीज में आम खा सकते हैं?

अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप मधुमेह से पीड़ित हैं और आम खाना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप दिन में इसका सेवन करें। दिन में शरीर का मेटाबॉलिक रेट अच्छा रहता है। वहीं, एक अध्ययन में पाया गया है कि आम में मौजूद चीनी का 30 प्रतिशत फ्रुक्टोज के रूप में होता है। लीवर में फ्रूट शुगर के मेटाबॉलिज्म से शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा बढ़ जाती है, इसलिए डायबिटीज में इसके सेवन से समस्या हो सकती है।

अध्ययन का निष्कर्ष क्या है?

शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि आम में अधिकांश कैलोरी चीनी से आती है, जो फल को रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाने के जोखिम में डालती है। वहीं, कुछ शोध बताते हैं कि ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए आम का सेवन किया जा सकता है, क्योंकि यह कम जीआई और फाइबर-एंटीऑक्सिडेंट वाला फल है।

जानकारों का कहना है कि अगर आप मधुमेह रोगी हैं और आम खाना चाहते हैं तो इसके लिए पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।

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नोट: यह लेख स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मेडिकल रिपोर्ट और सुझावों पर आधारित है।

अस्वीकरण: स्वास्थ्य और फिटनेस श्रेणी में प्रकाशित सभी लेख चिकित्सकों, विशेषज्ञों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ बातचीत पर आधारित हैं। लेख में निहित तथ्यों और सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा सत्यापित किया गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी निर्देशों का पालन किया गया है। पाठक के ज्ञान और जागरूकता को बढ़ाने के लिए संबंधित लेख तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में दी गई जानकारी और जानकारी के लिए दावा या जिम्मेदारी नहीं लेता है। उपरोक्त लेख में वर्णित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

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