क्या आप हो रहे हैं हाइपरटेंशन के शिकार? पहचाने लक्षण और क्या रखें सावधानी
हाइपरटेंशन: दबाव की इस वृद्धि के कारण, रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाये रखने के लिये दिल को सामान्य से अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है। रक्तचाप में दो माप शामिल होती हैं, सिस्टोलिक और डायस्टोलिक, जो इस बात पर निर्भर करती है कि हृदय की मांसपेशियों में संकुचन हो रहा है या धड़कनों के बीच में तनाव मुक्तता हो रही है। आराम के समय पर सामान्य रक्तचाप 100-140 mmHg सिस्टोलिक और 60-90 mmHg डायस्टोलिक की सीमा के भीतर होता है। उच्च रक्तचाप तब उपस्थित होता है, जब यह 90/140 mmHg पर या इसके ऊपर लगातार बना रहता है।
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हाइपरटेंशन के लक्षण
1.गंभीर सिरदर्द
अगर काफी ज्यादा सिरदर्द हो रहा है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत किसी अच्छे चिकित्सक को दिखाना चाहिए।
2.थकान
अगर बिना काम किये भी शरीर थका -थका सा रहता है, तो इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए। यह लक्षण काफी खतरनाक हो सकते हैं।
3.धुंधली दृष्टि
आखों को नियमित रूप से चेक कराना चाहिए और अगर दृष्टि कमजोर या धुंधली हो तो तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए।
4.छाती में दर्द
सीने में दर्द का कारण हार्ट अटैक ही नहीं होता है। यह लक्षण हाइपरटेंशन का भी है। इसे बिलकुल भी इग्नोर नहीं करना चाहिए और तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
5.सांस लेने में कठिनाई
अगर सांस लेने में कठिनाई हो रही है और उलझन सी महसूस हो रही है तो ये लक्षण काफी खतरनाक हो सकता है।
इन लक्षणों के अतिरिक्त चक्कर आना, उल्टी या मितली, सांसों की कमी, और पेशाब में खून आना भी हाइपरटेंशन के प्रमुख लक्षण हैं।