मार्गशीर्ष माह के गुरुवार क्यों हैं इतने खास गुरुवार लक्ष्मी पूजन से सोई किस्मत भी जाग जाती है जानिए कुछ खास

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मार्गशीर्ष मास शुरू हो गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार इसे अघन मास भी कहा जाता है। लक्ष्मी पूजन यह महीना बहुत ही पवित्र और फलदायी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार मगशर का महीना 9 नवंबर से शुरू होकर 8 दिसंबर तक चलेगा. इस माह में आने वाले गुरुवार का विशेष महत्व है।

मार्गशीर्ष मास क्या है?

मान्यता के अनुसार यह महीना भगवान श्रीकृष्ण को बहुत प्रिय है। इस महीने में पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र में आती है। इसलिए इस मास को मार्गशीर्ष मास भी कहते हैं।

भगवान श्री कृष्ण का प्रिय महीना होने के कारण इस महीने के पहले गुरुवार का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने के पहले गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। वहीं यह भी माना जाता है कि पहले गुरुवार को मां लक्ष्मी की पूजा करने से वह घर में सुख-समृद्धि लाती है।

मगशरी मास के पहले गुरुवार को करें यह ज्योतिषीय उपाय

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर देसी घी का दीपक जलाकर आटे की रंगोली बनाई जा सकती है। पूजा स्थल पर मां लक्ष्मी के सिंहासन को आम के पत्तों से सजाएं और फिर विधि-विधान से उनकी पूजा करें। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में आने वाले प्रत्येक गुरुवार को विभिन्न प्रकार के व्यंजन चढ़ाने से धन की देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस महीने में दान करना भी फलदायी बताया गया है।

मार्गशीर्ष अमास पर पितृन क्यों किया जाता है?

इस अमास पर पूर्वजों के तर्पण और पिंडदान का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि मगशर के महीने में पड़ने वाले अमासे को तर्पण और पिंडदान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सत्यनारायण कथा सुनना और अमावस्या के दौरान उपवास करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।

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