ब्लड प्रेशर को तुरंत कंट्रोल करते हैं ये 5 ड्रिंक्स, जानिए क्या नहीं करना चाहिए
तनावपूर्ण जीवन और खान-पान की गलत आदतें आज ज्यादातर लोगों को रक्तचाप से पीड़ित बना रही हैं। रक्तचाप दिन भर में कई बार बढ़ता और घटता है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बढ़ा हुआ रहे, तो यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यही कारण है कि ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार इस समस्या के लिए मुख्य रूप से व्यक्ति की जीवनशैली से जुड़ी बुरी आदतें जिम्मेदार होती हैं। ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर व्यक्ति को अपनी जीवनशैली और खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। अगर आप भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित हैं तो इसे कंट्रोल करने के लिए अपनी डाइट में ये 5 ड्रिंक शामिल करें। साथ ही जानिए इस समस्या से बचने के लिए आपको किन चीजों से परहेज करना चाहिए।
स्किम्ड मिल्क-
स्किम्ड दूध में मौजूद पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए जाने जाते हैं। कई अध्ययनों से पता चलता है कि रोजाना 1 से 2 गिलास स्किम्ड दूध पीने से रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
टमाटर का रस-
टमाटर में मौजूद लाइकोपीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट कई स्वास्थ्य लाभ पहुंचाते हैं। शोध से पता चला है कि टमाटर का रस सिस्टोलिक रक्तचाप को कम करता है। दरअसल, शोध में पाया गया कि जब 55 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को रोजाना 200 मिलीलीटर टमाटर का रस पीने को दिया गया, तो 1 साल के दौरान उनके सिस्टोलिक रक्तचाप में सुधार हुआ।
चुकंदर का रस-
चुकंदर के जूस में मौजूद नाइट्रेट शरीर में रक्त संचार को अच्छा बनाए रखने में मदद करता है। क्लिनिकल ट्रायल के दौरान यह बताया गया कि प्रतिदिन 2 कप चुकंदर का जूस पीने से रक्तचाप नियंत्रण में रहता है। चुकंदर का रस 30 मिनट के भीतर रक्तचाप को कम कर सकता है, जो लगभग 24 घंटे तक रहता है। यह 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में अधिक आम है।
अगर आप ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना चाहते हैं तो इन चीजों से दूर रहें
शराब-
शराब शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाती है। अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं तो शराब के सेवन से बचें।
कैफीन-
अत्यधिक कैफीन अधिवृक्क ग्रंथियों को अत्यधिक उत्तेजित करता है। जिसके कारण तंत्रिका तंत्र भी अतिसक्रिय हो जाता है। कैफीन रक्तचाप और हृदय गति को भी बढ़ाता है, जिससे चिंता की भावना पैदा होती है।
ठंडा ड्रिंक-
हाई बीपी के मरीजों को कोल्ड ड्रिंक से परहेज करना चाहिए. क्योंकि कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इसके अलावा यह शरीर में प्यास को कम करता है और निर्जलीकरण का कारण बनता है, जिससे रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और व्यक्ति का रक्तचाप बढ़ने लगता है। ऐसे में हाई बीपी के मरीजों को कोल्ड ड्रिंक से परहेज करना चाहिए।