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ऑफिस के काम की टेंशन आपकी त्वचा पर डाल सकती है इन बीमारियों की वजह

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काम को लेकर तनाव होना आम बात हो गई है। कुछ लोग ऑफिस के डेली रुटीन में लौट आए हैं तो कुछ वर्किंग मॉडल से जूझ रहे हैं। तनाव दैनिक जीवन में समस्याएं पैदा करता है। इस चिंता का असर चेहरे की त्वचा पर भी देखने को मिलता है। शोध से पता चला है कि तनाव का आपकी त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। तनाव से एक्जिमा, मुहांसे, सोरायसिस और बालों के झड़ने सहित त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

काम की चिंता और त्वचा के बीच संबंध

मस्तिष्क और त्वचा आपस में जुड़े हुए हैं। मस्तिष्क से मनोवैज्ञानिक तनाव आपकी त्वचा में स्थानांतरित हो सकता है। तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां त्वचा की नई समस्याओं को जन्म दे सकती हैं या मौजूदा लोगों को बढ़ा सकती हैं। चिंता तनाव हार्मोन कोर्टिसोल के उत्पादन को ट्रिगर करने के लिए जानी जाती है। इसकी वजह से आपकी त्वचा के छिद्र बदल जाते हैं और त्वचा का तेल उत्पादन बढ़ जाता है। सीआरएच या कॉर्टिकोट्रॉफिन-रिलीजिंग हार्मोन नामक तनाव से संबंधित हार्मोन मुँहासे को ट्रिगर करने के लिए जाना जाता है।

रोसैसिया- त्वचा से जुड़ी एक आम समस्या है

रोसैसिया त्वचा की एक आम समस्या है जो अक्सर तनाव के कारण होती है या बिगड़ जाती है। इससे चेहरे पर लाल रक्त वाहिकाएं दिखाई देने लगती हैं। मुंहासे जैसे छोटे-छोटे धब्बे भी रोजेशिया के लक्षण हैं। ये लक्षण हफ्तों या महीनों तक रह सकते हैं और फिर कुछ समय के लिए गायब हो सकते हैं। हालांकि, रोसैसिया किसी को भी प्रभावित कर सकता है।

नींद की कमी

नींद की कमी आपको अधिक तनावग्रस्त महसूस करा सकती है। नींद पूरी न होने से आप थका हुआ और चिड़चिड़ा महसूस करते हैं, जिससे तनाव बढ़ता है। नींद की कमी से त्वचा की स्थिति जैसे झुर्रियां और आंखों के नीचे काले घेरे भी हो सकते हैं।

(नोट – इस लेख में दिखाए गए विवरण सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। किसी भी मामले में विशेषज्ञों से सलाह लें। Sabkuchgyan न्यूज इसका समर्थन नहीं करता है)

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