सूर्य देव के सबसे बड़े मंदिर जहां हर पल बरसती है भगवान सूर्य की कृपा
इस जीवन में भगवान सूर्य का महत्व केवल कुछ शास्त्रों में ही नहीं है, बल्कि विज्ञान ने भी इस बात को सिद्ध किया है। सूर्य अर्थात भगवान सूर्य भारत के नौ ग्रहों में से एक हैं। सूर्य मंदिर शायद जीवन में इसके महत्व को समझते हुए बनाए गए थे। वहीं देश में कई ऐसे प्रसिद्ध सूर्य भगवान के मंदिर हैं, जो हर रोज दर्शन देते हैं, जिन्हें देखने के लिए देश भर से लोग आते हैं।
ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर से लेकर गुजरात के मोढेरा सूर्य मंदिर तक, इसमें आध्यात्मिक रहस्य छिपे हैं। आइए आपको बताते हैं देश के प्रमुख सूर्य मंदिरों के बारे में।
धार्मिक मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा करने से मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। ऐसा करने से सूर्य देव जीवन की असफलताओं को सफलता का आशीर्वाद देते हैं।
कोणार्क सूर्य मंदिर
भगवान सूर्यदेव के प्रसिद्ध मंदिरों में कोणार्क का नाम सबसे पहले आता है। वहीं, ओडिशा में स्थित कोणार्क का सूर्य मंदिर देश भर में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना भगवान श्री कृष्ण के पुत्र सांबा ने की थी। उसके बाद इस सूर्य मंदिर का निर्माण राजा नरसिंहदेव ने 13वीं शताब्दी में करवाया था। वहीं, मंदिर अपने अनोखे आकार और शिल्प कला के लिए दुनिया भर में मशहूर है। हालांकि इस मंदिर की विशेषता यह है कि सूर्योदय की पहली किरण मंदिर के मुख्य द्वार पर पड़ती है।
औरंगाबाद का देव सूर्य मंदिर
औरंगाबाद जिले में भगवान सूर्यदेव का एक ऐसा अनूठा मंदिर है, जिसका द्वार पूर्व की बजाय पश्चिम की ओर है। जहां सात रथों पर सवार भगवान सूर्यदेव के तीन स्वरूप दिखाई देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस सूर्य मंदिर का द्वार एक रात में स्वतः ही दूसरी दिशा में मुड़ गया था।
मोढेरा का सूर्य मंदिर
वहीं गुजरात में मोढ़ेरा का सूर्य मंदिर अपनी वास्तुकला का बेजोड़ उदाहरण है। जिसे सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम ने ईस्वी में बनवाया था। 1026 में बनाया गया। मोढेरा का सूर्य मंदिर दो भागों में बना है, पहला भाग गर्भगृह और दूसरा भाग सभा भवन है। वहीं, मंदिर का निर्माण इस तरह से किया गया है कि सूर्योदय के समय सूर्य की किरणें सीधे गर्भगृह में पड़ती हैं।
आंध्र प्रदेश में सूर्यनारायण मंदिर
आंध्र प्रदेश के अरसावल्ली गाँव से लगभग 1 किमी पूर्व में लगभग 1300 वर्ष पुराना भगवान सूर्य का एक भव्य मंदिर है। यहां भगवान सूर्य नारायण की पूजा उनकी पत्नी उषा और छाया के साथ की जाती है। इस मंदिर की खास बात यह है कि साल में दो बार सूर्य की पहली किरण सीधे मूर्ति पर पड़ती है। कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान सूर्यदेव के दर्शन मात्र से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।