इस मंदिर में होती है चप्पलों की पूजा, हिन्दू -मुस्लिम सब मिलकर करने आते है दर्शन
आज हम आपको भारत के एक ऐसे गाँव के बारे में बताएंगे जहाँ होती है अजीबो गरीब पूजा, चढ़ाया जाता है ‘चप्पल’ तो चलिए शुरू करते है।
कनार्टक के गुलबर्ग जिले में लकम्मा देवी का मंदिर है। यहां हर साल ‘फुटवियर फेस्टिवल’ होता है, जिसमें दूर-दराज के गांवों से लोग चप्पल चढ़ाने आते हैं। इस फेस्टिवल में मुख्य तौर पर गोला (बी) नामक गांव के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यह फेस्टिवल अजीब-गरीब रिवाजों के कारण प्रसिद्ध है।
हर साल यह फेस्टिवल दिवाली के छठे दिन आयोजितकिया जाता है। यहां लोग आकर मन्नत मांगते हैं और उसके पूरा होने के लिए मंदिर के बाहर स्थित एक पेड़ पर चप्पलें टांगते हैं। यही नहीं लोग इस दौरान भगवान को शाकाहारी और मांसाहारी भोजन का भोग भी लगाते हैं।
लोगों का मानना है कि इस तरह चप्पल चढ़ाने से ईश्वर उनकी बुरी शक्तियों से रक्षा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि है कि इससे पैरों और घुटनों का दर्द सदैव के लिए दूर हो जाता है। इस मंदिर में हिन्दू ही नहीं बल्कि मुसलमान भी आते हैं। कहा जाता है कि माता भक्तों की चढ़ाई गई चप्पलों को पहनकर रात में घूमती हैं और उनकी रक्षा करती हैं।