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इतिहास

मोहन जोदड़ो का इतिहास

मोहनजोदड़ो का मतलब है मुर्दों का टीला, दक्षिण एशिया में बसे इस शहर को सबसे पुराना शहर माना जाता है, इतने साल पहले बने इस शहर को इतने व्यवस्थित ढंग से बनाया गया है कि जिसकी कल्पना भी हम नहीं कर सकते है. पाकिस्तान के सिंध में 2600 BC के आस पास…

दिल्ली के बारे में

दिल्ली एक ऐसा शहर है जो दो भिन्न दुनियाओं को आपस में जोड़ता है। कभी इस्लामी दुनिया की राजधानी रही पुरानी दिल्ली, संकरी गलियों की एक भूलभुलैया है, जिनमें जीर्ण-शीर्ण हवेलियां और दुर्जेय मस्जिदें हैं। इसके विपरीत, ब्रिटिशों द्वारा तैयार नई…

कपिल देव- एक हरफनमौला खिलाड़ी

कपिल देव (Kapil Dev) भारत के प्रथम क्रिकेट विश्व कप विजेता दल के कप्तान एवं सफलतम हरफनमौला खिलाड़ी हैं। कपिल देव का खेल और उनके आँकड़े इस बात के प्रमाण हैं। भारत के इस प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी का जन्म 6 जनवरी, 1959 को हरियाणा में हुआ था।…

जब सचिन की जेब में टैक्सी के लिए पैसे नहीं थे

विश्व के दिग्ग्ज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने पुरानी यादें ताजा करते हुए एक बार इंटरव्यू में बताया कि जब वह 12 साल के थे, तब उन्हें अंडर-15 मैच खेलने के लिए दादर स्टेशन से शिवाजी पार्क तक दो किट बैगों के साथ पैदल जाना पड़ा था क्योंकि उस समय…

वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी

भारत की पावन धरती ने कई वीर पुत्रों को जन्म दिया. इनमें से एक थे शिवाजी जिनका जन्म मराठा परिवार में हुआ था. इतिहासकार ऐसा मानते हैं कि महाराष्ट्र के इतिहास में वे आज तक के सबसे बड़े योद्धा हैं. शिवाजी महाराज भारत के स्वतंत्रता लड़ाई के बीज…

इस महिला सांसद भाजपा सरकार के लिए छोड़ दी अपनी शादी

नई दिल्ली: हम बात कर रहे है दिल्ली की बीजेपी महिला नेता सरोज पांडे की बता दे वह इस समय छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद भी है। वे अपने कथित बयानो की वजह से ज्यादातर सोशल मीडिया पर छाई रहती है। उनकी उम्र की बात करे तो वह 41 वर्ष की हो गई है लेकिन…

किसी समय विद्वानों का शहर रहा था पटना, जानिये और क्या है खास

बिहार की राजधानी पटना को तो आप जानते ही होंगे लेकिन ये शहर एक समय पर विश्व के अच्छे शहरो में से आती थी और पूरे दुनिया से विद्वान जान यहाँ आते थे. आइए जानते हैं इस शहर के बारे में कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य. 1. प्राचीन काल में (लगभग 2000 साल…

जानना चाहेंगे क्यों मनाते है एक वर्ष में दो बार नवरात्री का त्यौहार

भारत देश हिन्दू परंपराओ का देश है, जहाँ अलग अलग प्रान्त में त्यौहार मनाये जाते है, जहाँ, होली, दिवाली, करवाचौथ जैसे कई त्यौहार है जिन्हें भारतवासी अपनी अपनी मान्यताओं के अनुसार मनाते है, अतः भारत तो त्यौहारो का देश है। पुरे वर्ष भर हम आने…

इतिहास-अमरनाथ यात्रा

अमरनाथ यात्रा का जितना पौराणिक महत्व है, उतना ही ऐतिहासिक महत्व भी है। पुराण अनुसार, काशी में शिवलिंग दर्शन और पूजन से दस गुना, प्रयाग से सौ गुना और नैमिषारण्य से हजार गुना पुण्य देने वाले बाबा अमरनाथ के दर्शन हैं। स्वामी विवेकानंद ने 1898…

AMAZING!! ऐसे सात आविष्कार जिन्होंने दुनिया बदली

कांटेदार तार - 1873 (Barbed Wire 1873) दुनिया के इस सबसे भिन्न आविष्कार को इंसान के लिए नहीं बल्कि गाय को अंदर या बाहर करने के लिए किया गया। साईकिल - 1861 (Bicycle 1861) सबसे पहले साईकिल का आविष्कार एक आदमी के खेलने के लिए 1820…

सच्ची रोमांचक कथा – अभिशप्त विशालकाय जहाज

उस भारी भरकम युद्धपोत पर निर्माण कार्य लगभग पूरा होने को था। पूरा होने पर वह युद्धपोत जर्मन नौसेना की यूनिटों का सबसे अधिक शक्तिशाली युद्धपोत बनने वाला था। केवल कुछ सप्ताह का ही काम बाकी था कि उस जहाज के अगले भाग को सहारा देने के लिए बनाई…

पत्थरो का यह ढांचा दुनिया के सबसे बड़े रहस्यों में से एक

सहारा रेगिस्तान में पत्थरों से बना खगोल शास्त्र और ज्योतिष से जुड़ा ढांचा सुदूर रेगिस्तान न जाने कितने ही अनजाने रहस्यों  से भरा हुआ है . ऐसा ही एक अजीब सा रहस्य है सुदूर के रेगिस्तान में बना हुआ पत्थरों का ढांचा. यह ढांचा दुनिया के सबसे…

विश्व के 138 वें अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के बारें में जाने

राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को हुआ था। राकेश शर्मा भारत के पहले और विश्व के 138 वें अंतरिक्ष यात्री है। 1984 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और सोवियत संघ के इंटरकॉसमॉस कार्यक्रम के संयुक्त अंतरिक्ष अभियान के अंतर्गत राकेश शर्मा आठ…

भानगढ़ एक शानदार अतीत की बरबादी की दुखद दास्तान

भानगढ़, राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के एक आखिरी किनारे पर है। भानगढ़ का किला यहाँ बहुत प्रसिद्ध है जिसे  ‘भूतहा किला’ के नाम से भी जाना जाता है। इस किले को आमेर के राजा भगवंत दास ने 1573 में बनवाया था। भगवंत दास के…

सती अनुसूया के बारें में पढें

अनुसूया अत्रि-ऋषि की पत्नी हैं। उनकी पति-भक्ति अर्थात् सतीत्व का तेज इतना अधिक था कि उसके कारण आकाशमार्ग से जाते देवों को उनके प्रताप का अनुभव होता था। इसी कारण उन्हें 'सती अनुसूया' भी कहा जाता हे। एक बार ब्रह्म, विष्णु और महेश ने उनके…