इस मनोवृत्ति वाले लोगों का न तो वर्तमान होता है और न ही भविष्य, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य एक महान विद्वान थे एक महान समाजसेवी भी माने जाते हैं। उन्होंने जीवन भर लोगों का मार्गदर्शन करने का प्रयास किया। आचार्य ने अपने नीति ग्रंथ में भी जीवन को समझने और उसे सही ढंग से निभाने से जुड़ी अहम बातों का जिक्र किया है। चाणक्य कहते हैं कि कुछ लोगों का न तो वर्तमान होता है और न ही भविष्य। इनके अंदर कई बुरी आदतें होती हैं जिससे ये दूसरों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। आचार्य के अनुसार जानिए किस तरह के लोगों का न तो वर्तमान होता है और न ही भविष्य…
झूठे
यह एक ऐसी बुरी आदत है जो एक नहीं बल्कि कई जिंदगियों को तबाह कर सकती है। झूठ बोलने से आपको वर्तमान में लाभ हो सकता है, लेकिन लंबे समय में यह आपको महंगा पड़ेगा। चाणक्य के अनुसार जिन लोगों की यह आदत या रवैया होता है, उनका वर्तमान हो या न हो, लेकिन उनका भविष्य निश्चित रूप से खराब होता है। जो लोग इसे अपनी आदत बना लेते हैं वे हमेशा इसका सहारा लेते हैं। उन्हें अकेला छोड़ देना ही बुद्धिमानी है।
गुस्से में लोग
यह हमारे भीतर एक छिपी हुई भावना है, जिसे यदि नियंत्रित नहीं किया गया तो हमारे जीवन में विनाश दस्तक दे सकता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार क्रोधी व्यक्ति अपना आज और कल दोनों बर्बाद करने से पहले जरा भी नहीं सोचता। इसके विपरीत जो व्यक्ति अपने क्रोध पर नियंत्रण करना सीख लेता है वह किसी सफल व्यक्ति से कम नहीं होता।
लालची और मतलबी
चाणक्य भी जीवन में सुख और आराम के लिए धन के महत्व को मानते हैं। आचार्य कहते हैं कि पैसा कमाना और खर्च करना अच्छी बात है, लेकिन सही तरीके से कमाया गया पैसा ही असली खुशी ला सकता है। लोभ और नीचता से कमाया गया धन भविष्य में फँसा सकता है। लोभ और नीचता दूसरों का अहित करने में पीछे नहीं हटते, बल्कि भविष्य में बुरे समय का सामना करते हैं।