मुलतानी मिट्टी के सौंदर्यवर्धक और स्वास्थ्यवर्धक गुण
सुंदरता कुदरत की अनुपम देन है। इस सुंदरता को बरकरार रखने के लिए कुदरती प्राकृतिक चीजों से बढ़कर कुछ नही होता है। आधुनिक युग में सौंदर्यबोध की अनुभुति काफी बढ़ गई है। साधारण दिखने वाली नारी भी ब्यूटी पार्लर और सौंदर्य प्रसाधनों की सहायता से सुंदर दिखना चाहती है। लेकिन अच्छे क्वालिटी के सौंदर्य प्रसाधनों की आसमान को छूने वाली कीमते मध्यमवर्गीय नारी के बस में नही होती साथ ही हर रोज ब्यूटी पार्लर के चक्कर लगाना भी आसान नही होता। तब इन दोनों ही समस्याओं से बचने का तीसरा आसान, सस्ता ,बेहतर कारगर उपाय है अनमोल प्राकृतिक चीजे।
अगर हम हमारे घर और आसपास नजर डाले तो चन्दन की लकड़ी, गुलाब की पंखुड़ियां, नीम-तुलसी-पुदीने के पत्ते, केला, संतरा, पपीता आदि फल, फ्रीज़ खोले तो ककड़ी, खीरा, लौकी, टमाटर, किचन में नजर घुमाए तो आलू, शहद, बादाम, हल्दी, नारियल आदि सौन्दर्यकारक चीज़े आसानी से मिल जायेगी। बाजारु सौंदर्य प्रसाधनों से भी ये चीज़े अधिक असरदार होती है और इसकी मुख्य वजह ये बिना केमिकल की होती है। ये सभी चीजे सौन्दर्यवर्धक और सौन्दर्यरक्षक होती है बशर्ते उनका सही सही इस्तेमाल आता हो।
इन्ही प्राकृतिक सम्पदाओं में से एक देन है अनमोल मुलतानी मिटटी जिसे अंग्रेजी में Fullers Earth भी कहा जाता हैं। मुलतानी मिटटी के गुण और सौंदर्यवर्धक-स्वास्थ्यवर्धक गुणों की अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
सुलभ और साधारण समझी जाने वाली मुलतानी मिटटी की अपनी एक अलग महक होती है। ये त्वचा के लिए बहोत फायदा करने वाली होती है। इससे त्वचा में कसाव और रंग में निखार आता है। त्वचा स्वस्थ बनती है।
- मुलतानी मिटटी में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाये जाते है जिससे त्वचा का पोषण होता है।
- मुलतानी मिटटी में मॉश्चरायज़र लगभग 13%, तेल 5%, प्रोटीन 6%, वसा 5%, कार्बोहैड्रेट 9%, खनिजलवन 13% होता हैं।
- इसके अलावा विटामिन A व E भी पाये जाते है।
- मुलतानी मिटटी सिर्फ फेस पैक ही नही क्लीनजर, टोनर और मॉश्चरायज़र भी है जो त्वचा को उचित पोषण देकर उसे मुलायम बनाता है। यह सिर्फ त्वचा की बाहरी सफाई नही करता बल्कि क्लीनज़र की तरह आंतरिक त्वचा की सफाई भी करता है।
- मुलतानी मिटटी चेहरे के खुले हुए रोमछिद्रों को कम करके धीरे धीरे उन्हें खत्म कर देती है।
- इसके लेप से मुहांसे और अन्य त्वचा रोगों से मुक्ति मिलके त्वचा स्वस्थ होती है।
- धुप में झुलसी साँवली मुलतानी मिटटी से निखरकर साफ़ व चमकदार होती है।
- इसमें मौजूद विटामिन A व E झुर्रियों से बचाव करता है।
- मुलतानी मिटटी का प्रयोग अलग अलग त्वचा पर अलग अलग तरीके से होता है।
- तैलीय त्वचा – तैलीय त्वचा के लिए मुलतानी मिटटी में हाइड्रेट, सिलिकेट और ऍल्युमिनिअम मौजूद होता है, जो तैलीय त्वचा के लिए लाभकारी होता है। जब तैलीय ग्रन्थिया ज्यादा सक्रिय हो जाती है तब यह अतिरिक्त तेल सोखने की क्षमता रखती है। गर्मियों में तो यह वरदान है। तैलीय त्वचा को साफ़ सुथरा और स्वस्थ बनाने के लिए 2 चम्मच मुलतानी मिटटी में 3 छोटे चम्मच गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बनाएं और सप्ताह में 2 बार लगायें। इसके प्रयोग से कील मुहाँसों से मुक्ति मिलकर त्वचा कांतिमय बनेगी। तैलीय त्वचा के लिए नींबू व खीरे का रस डालकर भी प्रयोग कर सकते है।
- रुखी त्वचा – रूखी त्वचा के लिए मुलतानी मिटटी को थोड़ी देर ताजे कच्चे दूध में भिगोकर लेप करे। सप्ताह में 1 बार प्रयोग करे।
- शुष्क त्वचा – शुष्क त्वचा को खूबसूरत बनाए रखने के लिए 2 बड़े चम्मच मुलतानी मिटटी में 1 छोटा चम्मच बादाम तैल 1 बड़ा चम्मच शहद मिलाकर पेस्ट बनाये। 20 min लगाकर रखे। सूखने पर गुनगुने पानी से धो ले। इससे त्वचा लावण्यमयी और मुलायम बन जायेगी।
- संवेदनशील त्वचा – संवेदनशील त्वचा के लिए 1 चम्मच मुलतानी मुलतानी मिटटी में 1/2 चम्मच चन्दन पाउडर और आवश्यक्तानुसार गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बनाये। सूखने पर धो ले। इस लेप की विशेषता है की यह हर मौसम में और हर त्वचा के लिए लाभ करता है।
- मुंहासे – मुहाँसे हो तो 1 चम्मच मुलतानी मिटटी, 1 छोटा चम्मच निम्बुरस, 1 छोटा चम्मच बेसन और चुटकी भर हल्दी मिलाकर पैक बनाएं। मुहांसों पर यह लेप सप्ताह में 2 बार लगाये। इससे मुहाँसे ख़तम होकर त्वचा स्वस्थ व निर्मल हो जायेगी।
- त्वचा का कालापन – धुप में निकलने से चेहरे के साथ साथ शरीर की त्वचा भी काली पड़ जाती है। कालापन दूर करने के लिए 2 चम्मच मुलतानी मिटटी, प्रत्येकी 1 छोटा चम्मच मलाई, सरसों का तेल, बेसन और चुटकीभर हल्दी मिलाकर उबटन बनाएं। नहाने से पहले शरीर पर लगाये और अच्छेसे रगड़कर साफ़ करे। इससे झाईंया, दाग धब्बे, कालापन दूर होगा ही त्वचा में चमक के साथ साथ कान्ति भी आएगी।
- झुर्रिया – चेहरे को झुर्रियों से बचाने के लिए 2 छोटे चम्मच मुलतानी मिटटी में 4 छोटे चम्मच खीरे का रस और 3-4 बादाम की पीसी हुई गिरी मिलाकर पेस्ट बनाएं। हफ्ते में 1 बार लगानेसे झुर्रियां दूर हो जायेगी। त्वचा नरम, चमकदार हो जायेगी।
- साँवली गर्दन – साँवली गर्दन को निखारने के लिए 2 बड़े चम्मच मुलतानी मिटटी, 1 बड़ा चम्मच कच्चा दूध, 1 बड़ा चम्मच नारियल पानी मिलाकर 20 min तक गर्दन पर लगाए रखे। सूखने पर ठंडे पानी से धोए। ऐसा सप्ताह में 2 बार करे इससे साँवली गर्दन में निखार आएगा।
- बालों की खूबसूरती – बालों की खूबसूरती के लिए 2 बड़े चम्मच मुलतानी मिटटी में 1 बड़ा चम्मच दही घोलकर उसमें 1 बड़ा चम्मच निम्बू का रस मिलाये। अच्छी प्रकार से बालों की जड़ों में लगाएं। थोड़ी देर बाद धो ले। इससे बाल मुलायम, रेशमी, घने तो होंगे ही अधिक समय तक काले भी रहेंगे।
- रूखे और चमकहींन बालों के लिए मुलतानी मिटटी वरदान है। रात को मुलतानी मिटटी भिगोकर सुबह इसे बालों में मले और खूब पानी से धो डाले। बाल मुलायम व साफ़ होंगे। इससे बालों की रुसी भी कम होगी। अलग से बालों को कंडीशनर की जरूरत नही रहेगी। साथ ही मस्तिष्क में ठंडक रहेगी।
मुलतानी मिटटी का इस्तेमाल करते समय क्या सावधानी बरते ?
- चेहरे पर मुलतानी मिटटी के लेप को लगाते वक्त यह लेप आँखों के एकदम पास और होठों पर नही लगाना चाहिए।
- इसको लगाने के पश्चात साफ़ करने तक हसना, बोलना ,रोना कुछ भी ना करे क्योंकि जब यह पैक सुखना शुरू होता है, उस समय त्वचा में एक तरह का खिंचाव होता है। इस कारण त्वचा में कसाव होता है। अतः त्वचा अगर इस बीच हिलती है तो कसाव के बजाय झुर्रियाँ बन जाती है और सारी मेहनत बेकार जाती है और त्वचा पहले से भी अधिक ढीली हो जाती है।
इस तरह मुलतानी मिटटी आप के रूप सौंदर्य को तो निखारती ही है साथ में आपके व्यक्तित्व को भी आकर्षक बनाती है।