महाराष्ट्र – ‘मैडम कमिश्नर’ किताब से महाराष्ट्र की राजनीति में मचा हंगामा, अजित पवार गुट दे रहा सफाई, कौन हैं ये ‘दादा’?

0 90
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

महाराष्ट्र- महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री और संरक्षक मंत्री अजीत पवार एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। दरअसल पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवंकर की किताब ‘मैडम कमिश्नर’ में इसका जिक्र है। उनका कहना है कि जब उन्हें पुणे के पुलिस आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया था, उसी समय उनके “दादा” जो पालक मंत्री भी थे, ने पुणे के डिविजनल कमिश्नर को एक बैठक के लिए बुलाया। उस बैठक में पुणे के येरवडा में एक निजी व्यक्ति को जमीन आवंटन का मामला था. लेकिन उस समय मीरा बोरवंकर ने इसका विरोध किया और कहा कि पुलिस के लिए आरक्षित भूखंड का इस्तेमाल उनकी कॉलोनी बनाने के अलावा कई अन्य सरकारी उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। एक बार यह जमीन किसी निजी व्यक्ति के पास चली गई तो इतनी अच्छी जमीन दोबारा नहीं मिलेगी।

‘दादा’ के नाम पर महाराष्ट्र में सियासी भूचाल

इस किताब में बताया गया है कि दादा के पास जमीन का एक नक्शा था. उन्होंने मीरा बोरवंकर से हस्ताक्षर करने को कहा, लेकिन उन्होंने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. तभी दादाजी ने गुस्से से कागज मेज पर रख दिया. मीरा बोरवंकर द्वारा किताब में दादा का जिक्र करने पर अजित पवार गुट के नेता सूरज चव्हाण ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि मीरा बोरवंकर ने किताब बेचने के लिए बेबुनियाद आरोप लगाए हैं. इस मुद्दे पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरा बोरवंकर ने अपनी किताब में जिक्र किया है कि उनके दादा ने उन्हें येरवडा जमीन बेचने के लिए मजबूर किया था. अब ये दादा कौन है, कौन दादा? पुलिस विभाग के किसी अधिकारी का इस तरह का बयान देना गंभीर मामला है.

येरवडा जमीन को लेकर जांच की मांग की जायेगी

उन्होंने कहा कि अगले विधानसभा सत्र में हम सरकार से मांग करेंगे कि पूरे मामले की जांच करायी जाये. यदि आप चोर नहीं हैं तो संदेह करने का कोई कारण नहीं है। गलत करने वाले बेनकाब होंगे। किताब में उल्लिखित जमीन किन्हीं कारणों से बाद में नीलाम नहीं हो सकी। इस संबंध में कांग्रेस ने कहा कि इस मुद्दे को अगले विधानसभा सत्र में उठाया जाएगा और सरकार से जवाब मांगने के साथ-साथ मामले की जांच की भी बात की जाएगी. आपको बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस में दो गुट बनने के बाद से ही अजित पवार गुट खुद को सही साबित करने की कोशिश में लगा हुआ है. ऐसे में भले ही मीरा बोरवंकर ने मैडम कमिश्नर की किताब में सीधे तौर पर अजित पवार के नाम का जिक्र नहीं किया है, लेकिन अब अजित पवार गुट को दादा के नाम पर सफाई देनी पड़ी है.

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.