शेयर बाजार का बिग बुल बन गए झुनझुनवाला, लेकिन ‘यह’ सपना काफी नहीं था! पढ़ें जीवन की कहानी
Rakesh Jhunjhunwala passed away: शेयर बाजार के दिग्गज राकेश झुनझुनवाला का निधन। वह कई दिनों से बीमार थे। राकेश झुनझुनवाला को शेयर बाजार की दुनिया में बिग बुल के नाम से जाना जाता है लेकिन दिलचस्प बात यह है कि जब उन्होंने ट्रेडिंग शुरू की तो वह एक भालू के रूप में दांव लगाते थे। ये वो समय था जब हर्षद मेहता को बिग बुल कहा जाता था।
परिवार से समझ
बचपन में राकेश झुनझुनवाला को बिजनेस की समझ उनके परिवार से मिली। दरअसल, बिग बुल के पिता एक इनकम टैक्स ऑफिसर थे। झुनझुनवाला ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पिता बताते थे कि कैसे खबरें शेयर बाजार को प्रभावित करती हैं।
झुनझुनवाला ने 1985 में शेयर बाजार में अपना पहला दांव लगाया। यह उस समय की बात है जब वे सिडेनहैम कॉलेज में पढ़ रहे थे। उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई की और शेयर बाजार की बारीकियों को समझने और निवेश करने में लगे रहे।
राकेश झुनझुनवाला ने महज 5,000 रुपये की मामूली पूंजी से शेयर बाजार में निवेश करना शुरू किया। झुनझुनवाला को शुरुआती दौर में भारी नुकसान हुआ।
हालांकि शेयर बाजार में पहली जीत टाटा की चाय ने हासिल की। इस कंपनी में उनका पैसा तीन गुना हो गया था। दरअसल, झुनझुनवाला ने टाटा टी के 5,000 शेयर 43 रुपये में खरीदे थे। 1986 में उन्होंने इस शेयर से 5 लाख रुपये का मुनाफा कमाया।
शॉट सेल के विशेषज्ञ खिलाड़ी
झुनझुनवाला को शॉर्ट सेलिंग एक्सपर्ट माना जाता है। एक इंटरव्यू में झुनझुनवाला ने खुद कहा था कि उन्होंने शेयर बेचकर खूब पैसा कमाया है। 1992 में हर्षद मेहता घोटाला सामने आने के बाद शेयर बाजार चरमरा गया। इस दौरान झुनझुनवाला बहुत कम बिके।
एक टाइटन के साथ प्यार
शेयर बाजार में झुनझुनवाला का पसंदीदा स्टॉक घड़ी और ज्वैलरी बनाने वाली कंपनी टाइटन है। यह टाटा समूह का हिस्सा है। उन्होंने इस कंपनी में निवेश करके बहुत पैसा कमाया।
31 मार्च, 2021 को समाप्त तिमाही के अंत में राकेश झुनझुनवाला के पास 37 शेयर हैं, जिनमें टाइटन कंपनी, टाटा मोटर्स, क्रिसिल, ल्यूपिन, फोर्टिस हेल्थकेयर, नज़र टेक्नोलॉजीज, फेडरल बैंक, डेल्टा कॉर्प, डीबी रियल्टी और टाटा कम्युनिकेशंस शामिल हैं।
अकासा ची अधूरी कहानी
अकासा एयरलाइन लॉन्च करना राकेश झुनझुनवाला का ड्रीम प्रोजेक्ट था। उन्होंने कई बार अकासा एयर की लॉन्चिंग का जिक्र किया था। आकाश ने 7 अगस्त को ही मुंबई और अहमदाबाद के बीच अपनी पहली उड़ान भरी थी। इसके ठीक 7 दिन बाद एयरलाइन के सबसे बड़े हितधारक यानी राकेश झुनझुनवाला ने अंतिम सांस ली।