कोरोना की मुश्किल घड़ी में कैसे बनाये जन्माष्टमी ?मंदिर खुलेंगे या नहीं ? जानें
कोरोना का आतंक थम नहीं रहा है। अब भी मानव समाज इस अदृश्य दुश्मन से लड़ रहा है। लोगों को छूट दी गई हो सकती है, लेकिन महामारी वैसी ही बनी हुई है। लेकिन हमें सावधानी और सतर्कता में कोई लापरवाही नहीं बरतनी है। जिस तरह हमने हाल ही में कोरोना के बीच ईद और रक्षाबंधन जैसा बड़ा त्योहार मनाया है, हमें आने वाले त्योहारों के साथ भी ऐसा ही एक समझौता करना होगा। एक तरफ से दूसरी तरफ जाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लोग बड़ी संख्या में जश्न नहीं मना सकते, लेकिन हम किसी भी त्योहार को थोड़ी सावधानी से मना सकते हैं।
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यदि मंदिर में जाना संभव नहीं है, तो जिन भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण में गहरी आस्था है, उन्हें अपने घर में बैठकर भगवान का भजन-कीर्तन करना चाहिए। परिवार के साथ त्योहार मनाना उचित रहेगा। तकनीक की मदद से, आप घर बैठे देश के प्रमुख श्री कृष्ण मंदिर के दर्शन को पूरा कर सकते हैं। ‘मटकी फोड़’ और प्रसाद वितरण जैसी घटनाओं के लिए जाने से बचें।
कोरोना के कारण असंभव प्रमुख मंदिरों में श्री कृष्ण की दृश्यता इस बार श्री कृष्ण के जन्म के समय मुख्य मंदिरों में जाना संभव नहीं है। कोरोना महामारी ने भक्तों के लिए अपने भगवान से मिलना मुश्किल बना दिया है। श्रीकृष्ण के जन्म स्थान के साथ ही, विश्व प्रसिद्ध द्वारकाधीश और ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के दरवाजे जन्माष्टमी पर नहीं खोले जाएंगे। हालांकि, तैयारियों में कोई कमी नहीं होगी। मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा और भगवान की विधिवत पूजा की जाएगी और भोग अर्पित किया जाएगा।