दक्षिण दिशा में पैर करके सोना गलत है, वास्तु ही नहीं वैज्ञानिक भी बताते हैं इसका कारण, शरीर पर पड़ते हैं नकारात्मक प्रभाव
नयी दिल्ली: ज्यादातर घरों में बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि दक्षिण की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए। इस संबंध में वे वास्तु से जुड़ी कई मान्यताओं के बारे में जानकारी देते हैं। दक्षिण दिशा यम की मानी जाती है। कहा जाता है कि इस दिशा में पैर करके सोने से यमराज नाराज हो जाते हैं। कारण जो भी हो, विज्ञान भी इस बात को मान चुका है कि दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोना गलत है। आइए जानते हैं क्या है वैज्ञानिक कारण और इसका इंसानों पर क्या प्रभाव पड़ता है
विज्ञान क्या कहता है?
डेलीएस्ट्रोलॉजी.कॉम के अनुसार, विज्ञान का मानना है कि रात की नींद के दौरान शरीर में चुंबकीय ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। जिससे सुखद और शांतिपूर्ण नींद आती है। विज्ञान की दृष्टि से ऐसा माना जाता है कि उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के बीच एक चुंबकीय शक्ति होती है। जो दक्षिणी ध्रुव से उत्तर की ओर बहती है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति दक्षिण की ओर पैर करके सोता है तो उसके शरीर की चुंबकीय ऊर्जा सिर की ओर जाती है।
इसका शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर की ओर सिर करके सोने यानी दक्षिण की ओर पैर करके सोने से चुंबकीय ऊर्जा पैरों से सिर की ओर आती है। इस पोजीशन में सोने से व्यक्ति जब सुबह उठता है तो तनाव में रहता है। कई घंटों तक ऐसा लगता है कि नींद अभी पूरी नहीं हुई है. थकान महसूस होती है क्योंकि चुंबकीय ऊर्जा सिर पर अधिक प्रभाव डालती है। लेकिन अगर पैर उत्तर दिशा में हों तो यह ऊर्जा पैरों के माध्यम से प्रवाहित होती है, जिससे लोग अधिक ऊर्जावान और तनाव मुक्त महसूस करते हैं। इसलिए दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोना गलत माना जाता है।
गंभीर रोग हो सकते हैं
दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोना कई बीमारियों को निमंत्रण देता है। विज्ञान का मानना है कि उत्तरी ध्रुव की चुंबकीय शक्ति सिरदर्द, नींद की समस्या, तनाव और बार-बार चक्कर आना जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है। हालांकि यह ज्यादा महसूस नहीं होता, लेकिन भविष्य में यह किसी बड़े खतरे या बीमारी का कारण भी बन सकता है। दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोने से बचें।