हनुमान जयंती पर इन नियमों की अनदेखी करने से नहीं होती पूजा फलदायी

0 69
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

हिन्दू मान्यता के अनुसार कलियुग में राम भक्त हनुमानजी की पूजा करने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। हर युग में धरती पर आधिपत्य जिनी उपासना के पुण्य फल से जीवन से जुड़ा बड़ा से बड़ा कष्ट पलक झपकते ही दूर हो जाता है। ऐसे चिरंजीवी हनुमानजी की जयंती प्रतिवर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष हनुमानजी की पूजा-जप-तप से जुड़ा यह पावन पर्व 6 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा।

हिंदू धर्म में हनुमान जयंती के दिन की जाने वाली हनुमानजी की साधना को बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि हनुमान जयंती के पुण्य से साधक के रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं और किए गए प्रयास सफल होते हैं। बजरंगबली के भक्तों पर हर समय कृपा बनी रहती है जिससे दुष्ट या दुष्ट आत्माओं का भय नहीं रहता है। आइए जानते हैं हनुमान जयंती पर बजरंगबली की पूजा से जुड़े उन नियमों के बारे में जिन्हें नजरअंदाज करने पर हनुमानजी की पूजा अधूरी रह जाती है।

जो व्यक्ति हनुमान जयंती की पूजा का फल चाहता है उसे तन और मन दोनों से पवित्र रहकर हमेशा उनकी पूजा करनी चाहिए। हनुमानजी की साधना में स्वच्छता का बहुत महत्व है, इसलिए बजरमबली की साधना किसी पवित्र और स्वच्छ स्थान पर ही करें।

हिंदू धर्म में किसी भी कार्य की शुभता और सफलता देखने के लिए पंचांग देखने की परंपरा है। ऐसे में हनुमान जयंती पर हनुमानजी की साधना को सफल बनाने के लिए शुभ मुहूर्त में ही करें। इसके अलावा आप चाहें तो सुबह-शाम हनुमानजी की साधना कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

हनुमानजी को लाल रंग अत्यंत प्रिय है। ऐसे में हनुमानजी की पूजा में लाल रंग के फूल, लाल रंग के फल, लाल रंग के कपड़े और सिंदूर चढ़ाना चाहिए।

हनुमान जयंती पूजा का पुण्य प्राप्त करने के लिए शुद्ध घी का दीपक ही जलाना चाहिए। हनुमानजी के दीपक में लाल रंग की बाती डालने से उसका शुभ प्रभाव बढ़ जाता है।

हिंदू धर्म में किसी भी देवी-देवता की पूजा बिना बलि के अधूरी मानी जाती है। हनुमान जयंती के दिन हनुमानजी की पूजा करने के लिए उनका प्रिय प्रसाद जैसे बूंदी, मोतीचूर के लड्डू, चूरमा, गोल-चना आदि अर्पित करें।

हनुमानजी की पूजा में तुलसी की दाल का विशेष रूप से प्रयोग करना चाहिए। मान्यता है कि हनुमानजी का प्रसाद तब तक अधूरा माना जाता है जब तक आप उसके साथ तुलसी दल का भोग नहीं लगाते। ऐसे में आप हनुमानजी की कृपा पाने के लिए तुलसी के पत्तों से बनी एक विशेष माला चढ़ा सकते हैं।

हनुमानजी की कोई भी पूजा या साधना तब तक अधूरी मानी जाती है जब तक आप उनके भगवान श्री राम और माता जानकी की पूजा नहीं करते। ऐसे में भूलकर भी बजरंगबली के साथ सियाराम का ध्यान करें और हनुमान जयंती पर उनके मंत्रों का जाप करें।

हनुमान जयंती की पूजा करने वाले साधक को तामसिक चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए और पूरे दिन ब्रह्मचर्य का पालन करके इस व्रत को पूरा करना चाहिए।

हनुमानजी की पूजा करते समय हमारा ध्यान दूसरी बातों पर नहीं जाना चाहिए। इसके लिए पूजा करने से पहले पूजा की सारी सामग्री अपने पास रख लेनी चाहिए।

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.