अपने व्यक्तित्व में अगर लाना चाहते हैं सुधार तो आज ही छोड़े इस आदत को
हमारा व्यक्तित्व ये दर्शाता है कि हम क्या सोचते हैं, हम जीवन में किसी भी कार्य को कैसे करते हैं, जैसा आपका व्यक्तित्व होता है वैसे ही लोग आपसे व्यवहार करते हैं. व्यक्तित्व ही हमारे प्रति लोगों के भरोसे को बढ़ाता है. यदि आप एक अच्छे व्यक्तित्व के इंसान हैं तो लोग भी आपको महत्व देते हैं. आप किसी के भी सामने अपनी बात को रखते हैं तो वो आपकी बात सुनता है, लेकिन जब आपका व्यक्तित्व अच्छा नहीं होता तो आप चाहे सही भी बोल रहे हों, आपको कोई नहीं सुन्ना चाहता और न भी आप पर कोई भरोसा करता है.
एक अच्छे व्यक्तित्व को हर कोई झुककर सलाम करता है. एक अच्छे व्यक्तित्व को बनाना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं है लेकिन हम ये बात नहीं समझ पाते हैं कि आखिर एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए हमे करना क्या चाहिए. यही कारण है कि हम बहुत कुछ करने के बावजूद भी एक अच्छा व्यक्तित्व नहीं बाना पाते हैं. अगर हम सिर्फ एक बात को समझ लें तो एक अच्छा व्यक्तित्व बनाना बहुत आसान है.
हम पूरी जिंदगी दूसरों की बातें किया करते हैं. दूसरों में कमियां निकाला करते हैं, ये एक अटूट सत्य है कि हम दिन भर में नब्बे प्रतिशत दूसरों के बारे में सोचते हैं, चाहे वो देश की राजनीति की बात हो, फिल्म जगत की बात हो, किसी दोस्त की बात हो, परिवार की बात हो या किसी और की, लेकिन अपने बारे में सोचने के लिए तो हमारे पास समय ही नहीं है, और ये ही सबसे बड़ा कारण है कि हम एक अच्छा व्यक्तित्व नहीं बना पाते हैं.
किसी को नीचे दिखाकर कोई नहीं उठ सकता, अगर उठना चाहते हो तो खुद को उठाओ. जो इंसान खुद के अंदर कमियां नहीं ढूंढ सकता वो उनको नहीं सुधार सकता और जब वो अपनी कमियों को नहीं सुधारेगा तो व्यक्तित्व में सुधार कैसे हो सकता है.
इसलिए अगर आप अपने में सुधार करना चाहते हैं, और एक अच्छा व्यक्तित्व बनाना चाहते हैं तो दूसरों की बजाय अपने अंदर झांककर देखो, कमियों को ढुण्डों और उनमे सुधार करो. कई बार हम अपनी कमियों को तो ढूंढ लेते हैं लेकिन उन कमियों में सुधार नहीं करते. अपनी कमियों में आप जब तक सुधार नहीं करेंगे, कभी भी एक अच्छा व्यक्तित्व नहीं बाना पाएंगे.