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अगर करना है शुगर लेवल कंट्रोल तो रामबाण इलाज है मात्र कुछ पत्तियों

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गलत खानपान और शारीरिक गतिशीलता की कमी की वजह से आजकल बढ़ते मोटापे और मधुमेह की समस्या बहुत आम हो चली है। प्राय: देखा जा रहा है कि आजकल हर कोई व्यक्ति इस डर से मीठे से परहेज करने लगा है कि कहीं उसे भी मधुमेह अपनी चपेट में ना ले बैठे। आगे पढ़िए कुछ घरेलु नुस्खों को जिससे पत्तियों से शुगर लेवल होगा कंट्रोल

नीम की पत्ती

आंत को ग्लूकोज सोखने से रोकने के अलावा नीम की पत्ती इनसुलिन के इस्तेमाल की शरीर की क्षमता भी बढ़ाती है। इसके सेवन को डायबिटीज की दवाओं पर निर्भरता घटाने में कारगर माना गया है। विशेषज्ञ रोज सुबह खाली पेट नीम की ताजी पत्तियां पीसकर उनसे एक चम्मच रस निकालकर पीने की सलाह देते हैं।

तुलसी की पत्तियां

पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने वाली तुलसी की पत्तियां अग्नाशय की बीटा-कोशिकाओं की गतिविधियों को सुचारु बनाए रखती हैं। इससे ये कोशिकाएं सही मात्रा में इनसुलिन का उत्पादन करती हैं और ब्लड शुगर का स्तर काबू में रहता है। डायबिटीज पीडितों के लिए रोज सुबह खाली पेट 2 से 4 तुलसी पत्तियां चबाना फायदेमंद है।

इन्सुलीन प्लांट

इसके पत्तों को सूखा कर पीसकर पाउडर बनाया जाता है। शुगर कंट्रोल करने में इनके पत्तों का दवाई के रूप में इस्तेमाल होता है। इसकी एक पत्ती चबाकर चूसने से मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को काफी फायदा पहुंचता है।

जामुन की पत्ती

भारत, ब्रिटेन और अमेरिका में हुए कई अध्ययनों में जामुन की पत्ती में मौजूद ‘माइरिलिन’ नाम के यौगिक को खून में शुगर का स्तर घटाने में कारगर पाया गया है। विशेषज्ञ ब्लड शुगर बढ़ने पर सुबह जामुन की चार से पांच पत्तियां पीसकर पीने की सलाह देते हैं। शुगर काबू में आ जाए तो इसका सेवन बंद कर दें।

गुरमर की पत्ती

अग्नाशय में इनसुलिन का उत्पादन बढ़ाने वाली गुरमर की पत्ती उसकी कार्य क्षमता में भी इजाफा करती है। इससे ग्लूकोज के ऊर्जा में तब्दील होने की गति बढ़ती है। मीठे की तलब शांत करने में भी इसे बेहद असरदार पाया गया है। विशेषज्ञ सुबह खाली पेट गुरमर की दो से तीन पत्तियां चबाने की सलाह देते हैं।

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