पृथ्वी पर अमृतः गाय का दूध

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गाय का दूध पृथ्वी पर सर्वोत्तम आहार है। उसे मृत्युलोक का अमृत कहा गया है। मनुष्य की शक्ति एवं बल को बढ़ाने वाला गाय का दूध जैसा दूसरा कोई श्रेष्ठ पदार्थ इस त्रिलोकी में नहीं है। पंचामृत बनाने में इसका उपयोग होता है।

गाय का दूध पीला होता है और सोने जैसे गुणों से युक्त होता है। केवल गाय के दूध में ही विटामिन ए होता है, किसी अन्य पशु के दूध में नहीं।

गाय का दूध, जीर्ण ज्वर, मानसिक रोगों, मूर्च्छा, भ्रम, संग्रहणी, पांडुरोग, दाह, तृषा, हृदयरोग, शूल, गुल्म, रक्तपित्त, गुप्तांग रोग आदि में श्रेष्ठ है।
प्रतिदिन गाय के दूध के सेवन से तमाम प्रकार के रोग एवं वृद्धावस्था नष्ट होती है। उससे शरीर में तत्काल वीर्य उत्पन्न होता है।
एलोपैथी दवाओं, रासायनिक खादों, प्रदूषण आदि के कारण हवा, पानी एवं आहार के द्वारा शरीर में जो विष एकत्रित होता है उसको नष्ट करने की शक्ति गाय के दूध में है।
गाय के दूध से बनी मिठाइयों की अपेक्षा अन्य पशुओं के दूध से बनी मिठाइयाँ जल्दी बिगड़ जाती हैं।
गाय को शतावरी खिलाकर उस गाय के दूध पर मरीज को रखने से क्षय रोग (T.B.) मिटता है।
गाय के दूध में दैवी तत्त्वों का निवास है। गाय के दूध में अधिक से अधिक तेजतत्व एवं कम से कम पृथ्वी तत्व होने के कारण व्यक्ति प्रतिभासम्पन्न होता है और उसकी ग्रहण शक्ति (Grasping Power) खिलती है। ओज-तेज बढ़ता है। इस दूध में विद्यमान ‘सेरीब्रोसाडस’ तत्व दिमाग एवं बुद्धि के विकास में सहायक है।
केवल गाय के दूध में ही Stronitan तत्व है जो कि अणुविकिरणों का प्रतिरोधक है। रशियन वैज्ञानिक गाय के घी-दूध को एटम बम के अणु कणों के विष का शमन करने वाला मानते हैं और उसमें रासायनिक तत्व नहीं के बराबर होने के कारण उसके अधिक मात्रा में पीने से भी कोई ‘साइड इफेक्ट’ या नुकसान नहीं होता।
कारनेल विश्वविद्यालय के पशुविज्ञान के विशेषज्ञ प्रोफेसर रोनाल्ड गोरायटे कहते हैं कि गाय के दूध से प्राप्त होने वाले MDGI प्रोटीन के कारण शरीर की कोशिकाएँ कैंसर युक्त होने से बचती हैं।
गाय के दूध से कोलेस्टरोल नहीं बढ़ता बल्कि हृदय एवं रक्त की धमनियों के संकोचन का निवारण होता है। इस दूध में दूध की अपेक्षा आधा पानी डालकर, पानी जल जाये तब तक उबालकर पीने से कच्चे दूध की अपेक्षा पचने में अधिक हल्का होता है।
गाय के दूध में उसी गाय का घी मिलाकर पीने से और गाय के घी से बने हुए हलवे को, सहन हो सके उतने गर्म-गर्म कोड़े जीभ पर फटकारने से कैंसर मिटने की बात जानने में आयी है।
गाय का दूध अत्यंत स्वादिष्ट, स्निग्ध, मुलायम, चिकनाई से युक्त, मधुर, शीतल, रूचिकर, बुद्धिवर्धक, बलवर्धक, स्मृतिवर्धक, जीवनदायक, रक्तवर्धक, वाजीकारक, आयुष्य कारक एवं सर्वरोग को हरने वाला है।

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