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जामुन की गुठली के सेवन से करें मात्र कुछ दिनों में बवासीर को खत्म

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आयुर्वेद :- लोगों के लिए बवासीर की बीमारी होना कोई बड़ी बात नहीं है और नियमित दिनचर्या के चलते पेट में स्टूल कड़ा हो जाना जिसके बाद गुदा के रास्ते में खरोच आ जाता है जो धीरे-धीरे बवासीर का रूप धारण कर लेता है. ऐसे में इससे बचने के लिए न सिर्फ दिनचर्या सुधारने की जरूरत है बल्कि बचाव और कुछ इलाज की भी आवश्यकता पड़ती है तो आज हम इस पोस्ट के माध्यम से एक ऐसा ही फल के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसके सेवन से बवासीर की समस्या से छुटकारा मिल सकता है. उपयोग करने का तरीका मालूम होना चाहिए.

Get to rid hemorrhoids with Jamun by consuming only piles in a few days.

यूं कहा जाए तो बवासीर के लिए कई तरह के चूर्ण और दवाइयों के माध्यम से छुटकारा पाया जा सकता है. लेकिन उसमें से कुछ इलाज ऐसे हैं जो न सिर्फ महंगे हैं बल्कि बीमारी को जड़ से खत्म करने में भी कारगर नहीं हैं. ऐसे में जामुन की गुठली और आम की गुठली बवासीर के लिए काफी फायदेमंद होती है. बवासीर से परेशान व्यक्ति को आम और जामुन के भीतर का भाग को सुखाकर दोनों को पीस लें. अब इसे चूर्ण बना लें. अब प्रतिदिन 5 दिन तक इस चूर्ण को हल्के गर्म पानी या छाछ के साथ सेवन करने से बवासीर ठीक हो जाती है. इसके साथ ही बवासीर में खून गिरना भी बंद हो जाता है.

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जामुन की गुठली के अलावे जामुन के पेड़ की छाल भी बवासीर के लिए काफी फायदेमंद होता है. जामुन के पेड़ की छाल का रस निकालकर उसके 10 ग्राम रस में शहद मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से बवासीर की समस्या से छुटकारा मिलती है. साथ ही खून साफ होता है. इसके अलावा खूनी बवासीर में खून का गिरना भी बंद हो जाता है. जामुन की गुठली और छाल के साथ-साथ जामुन की कोपल पत्तियां भी बवासीर के लिए रामबाण की तरह काम करता है. जिसका उपयोग करके बवासीर की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. इसके लिए 20 ग्राम रस निकालकर उसमें थोड़ा सा बुरा मिलाकर पिएं. इससे खूनी बवासीर ठीक हो जाती है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बवासीर के रोगियों को जामुन के सेवन में कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती है क्योंकि जामुन का अधिक मात्रा में सेवन करने से गैस, बुखार, सीने में दर्द, कब्ज की अधिकता और बात विकारों के रोग उत्पन्न हो सकते हैं. इसके लिए रस को दूध के साथ सेवन ना करें.

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