मजेदार जोक्स – हँसाना भी एक कला है
- डाकू- अरे ओ सेठ, सोना कहाँ है?
सेठ- सारी जगह खाली पड़ी है। जहाँ चाहो वहाँ सो जाओ। -
कवि- मेरा जीवन कोरा कागज़ कोरा ही रह गया।
दुकानदार- चावल मेरे चूहे खा गए बोरा ही रह गया।
- जेल में नए कैदी से पुराने कैदी ने पूछा, ‘तुम यहाँ कैसे आए?
नया कैदी- ज़िंदगी में पहली बार गलती करने की वजह से कैशियर को पिस्तौल दिखाकर जब एक लाख लूट लिए तो वही बैठकर गिनने लगा कि कहीं उसने कम तो नहीं दिए है। -
अध्यापक- बच्चों क्या तुम जानते हो जंगल की हवा स्वास्थ्यवर्धक होती है।
एक छात्र- जी हाँ।
अध्यापक- कैसे?
छात्र- क्योंकि मैंने किसी जंगली जानवर को अस्पताल जाते नहीं देखा।
- दीपू- यार रमेश, क्या तुम सबसे ज़्यादा अंडे देने वाले प्राणी का नाम जानते हो?
रमेश- हाँ, बहुत अच्छी तरह से।
दीपू- तो बताओ।
रमेश- हमारे गणित के टीचर जी। -
इंगलिश के टीचर- राकेश इस वाक्य की अंग्रेज़ी बनाओ- एक तोता मेज़ पर चोंच मार रहा है।
राकेश- दि पैरेट मारे चोंच ऑन द टेबल। -
बच्चा- डैडी-डैडी अगर मैं पास हो गया तो मुझे क्या लाकर दोगे?
डैडी- एक चमचमाती हुई साइकिल
बच्चा- अगर फेल हो गया तो?
डैडी- तो बेटे तेरी रिक्शा पक्की।
- एक पत्नी खूब सज-धज कर अपने पति के पास गई और बोली, ‘देखो ती मेरी आँखे माधुरी दीक्षित से कितनी मिलती हैं न।
पति- अरे तुम्हारी दोनों आँखे आपस में तो मिलती नहीं, माधुरी दीक्षित से क्या खाक मिलेंगी।
- माँ- देखो बेटा तुम रोज़-रोज़ नीलम आंटी के घर से कैम्पा-कोला पी आते हो, रोज़-रोज़ किसी से कैम्पा कोला मांगना अच्छी बात नहीं है।
बेटा- अच्छा मम्मी आज मैं आंटी से लहर मिरिंडा मांगूगा।
- सीमा अपनी दादी से- मैं कल से कॉलेज नहीं जाऊँगी। मोहल्ले के लड़के मुझे छेड़ते है।
दादी ने डांटते हुए कहा- अरी बहाने मत बना, मैं भी तो उसी रास्ते से जाती हूँ, मुझे तो कभी किसी ने नहीं छेड़ा।