लोंग का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्त्व है क्योंकि किसी पूजा अनुष्ठान में लौंग का जोड़ा अर्पित किया जाता है | लौंग को घी के साथ मिलाकर दीपक के साथ मिलाकर पूजा करते है लोंग को सुगन्धित होने के कारण सभी स्त्री पुरुष पसंद नहीं करते हैं | लौंग से बहुत सी प्राकृतिक औषधीय बनती है।
लौंग के तेल की सिर पर मालिश करने से सिरदर्द ख़त्म हो जाता है।
लौंग को मुंह में रख कर उसका रस चूसने से खांसी ख़त्म होती है | जब तक मुंह में लोंग रहती है तब तक खांसी बंद ही रहती है।
लौंग को पानी के साथ पीसकर 100 ग्राम पानी में मिलाकर, छानकर मिश्री मिलाकर पिने से ह्रदय की जलन विकृति दूर होती है | पेट में जलन होना बंद हो जाती है।
5 ग्राम नींबू के रस में 3 लौंग को पीसकर मिला लें। इसे दांतों पर मलें और खोखल में लगायें। इससे दांतों का दर्द नष्ट होता है।
कीड़े लगे दांतों के खोखल में लौंग के तेल को रूई में भिगोकर रखें। इससे दांत के कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द कम होता है।
पान खाने से या किसी अन्य कारण से जीभ फट गई हो तो एक लौंग मुंह में रखें। इससे रोग में आराम रहता है।
लगभग 25 ग्राम खील, 5 दाने लौंग, 5 छोटी इलायची और 25 ग्राम मिश्री को आधे लीटर पानी में डालकर उबालने के लिए आग पर रख दें। जब 10-12 बार पानी में उबाल आ जाये तो पानी को आग पर से उतारकर छान लें इस पानी को थोड़ा-थोड़ा पीने से उल्टी आना बंद हो जाती है।